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India China Standoff: लद्दाख में तापमान माइनस में, चीनी सैनिक हो गए बेदम, भारतीय जवानों का हौसला देखिए

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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर पिछले सात महीने से भी अधिक समय से दोनों देशों में तनाव का माहौल है। इस तनाव को देखते हुए दोनों देशों के सैनिक सीमा पर मौजूद हैं। सर्दी आने से पहले तो चीन अपनी तरफ से सैनिकों की संख्या बढ़ाता रहा लेकिन अब जब हाड़ जमा देने वाली सर्दियों ने ऊंची पहाड़ियों पर अपना डेरा डाला है, तब से चीनी सैनिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि जहां ठंड में चीनी सैनिक विचलित हो रहे हैं वहीं पूरी मुस्तैदी के साथ भारतीय जवान डटे हुए हैं। बता दें कि सरकार के सूत्रों के मुताबिक ठंड के चलते चीनी सैनिकों के रोजाना के फ्रंट लाइन पोजिशन में बदलाव किया जा रहा है लेकिन भारतीय जवान यथावत जमे हुए हैं। बता दें कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट और उत्तरी तट के कुछ एरिया में पिछले तीन महीनों से दोनों तरफ के जवान तैनात हैं।

ऊंची पहाड़ियों पर तापमान माइनस में चला गया है, ऐसे में वहां भी इंडियन आर्मी की टुकड़ियां पांव जमाए खड़ी हैं चीन की सेना से बेहतर कर रही हैं। इसकी एक खास वजह यह है कि उनमें से अधिकांश जवानों की तैनाती पश्चिमी लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियर जैसे ऊंचाई वाले स्थानों में माइनस टेम्परेचर वाले एरिया में होती रही है, लिहाजा शून्य से नीचे के तापमान के हालात से निपटने के तरीकों से भारतीय जवान परिचित हैं। ऐसे में उन्हें इस मौसम का काफी अभ्यास भी है।

भारत ने सीमा पर तैनात सैन्य जवानों के लिए सर्दियों के कपड़ों की आपूर्ति भी की है, जिससे उन्हें कड़ाके की ठंड में भी अधिक परेशानी नहीं होने वाली। बता दें कि आपातकालीन खरीद के तहत अमेरिका ने 30,000 गरम कपड़ों की सप्लाई की थी। पूरे लद्दाख क्षेत्र में तैनात भारतीय सेना के पास सर्दियों की खातिर 60,000 पीस का भंडार है। ये स्पेशल गरम ऊनी कपड़े सियाचिन और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पश्चिमी मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए हैं।

इस साल, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ संघर्ष और गतिरोध के मद्देनजर अतिरिक्त 30,000 कपड़ों के सेट की आवश्यकता थी। इन एरिया में तैनात जवानों के लिए अब गरम कपड़ों का सेट 90,000 हो चुका है। लद्दाख में कड़ी सर्दी को देखते हुए आपात स्थिति में यह एक्विजिशन किया गया है।

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