नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को भारत के उच्चस्तरीय सरकारी सूत्रों ने गलत बताया है। सूत्रों ने कहा कि ट्रंप का ये दावा गलत है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार रोकने की धमकी दी। जिसकी वजह से दोनों देशों में संघर्ष विराम हुआ। सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई को पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत की। जबकि, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से 8 मई और 10 को व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से 10 मई को बातचीत की थी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इन सभी बातचीत में व्यापार के बारे में कोई बात नहीं हुई थी।
इससे पहले सोमवार को अचानक डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया था। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर संघर्ष नहीं रोका, तो अमेरिका उनके साथ व्यापार नहीं करेगा। ट्रंप ने कहा था कि लोगों ने पहले व्यापार को इस तरह इस्तेमाल नहीं किया, जिस तरह उन्होंने किया। ट्रंप ने ये भी कहा था- मैं कह सकता हूं अचानक दोनों (भारत और पाकिस्तान) ने कहा कि हम सोचते हैं कि संघर्ष बंद कर सकते हैं और ऐसा हो गया। ट्रंप ने ये भी जोर देकर कहा कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने पहले ये दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध रोक दिया है। ट्रंप ने कहा था कि ये बहुत खराब परमाणु युद्ध होता। लाखों लोग इस युद्ध में मारे जा सकते थे।
बताया ये जा रहा है कि ट्रंप के इन बयानों से भारत सरकार नाराज है। इसका संकेत इससे भी मिलता है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने वाले ट्रंप के दावे वाले ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। साथ ही उन्होंने सोमवार को दिए बयान में अमेरिका का नाम तक नहीं लिया। मोदी ने देश के नाम संबोधन में ये भी साफ कर दिया कि भारत अपने हित के मामले में किसी की नहीं सुनेगा। ऐसे में अब देखना है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते किस राह जाते हैं। क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप लगातार कहते हैं कि पीएम मोदी से उनकी अच्छी दोस्ती है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक रिश्ते भी हैं। अमेरिका से भारत ने तमाम हथियार भी खरीदे हैं। साथ ही तेजस लड़ाकू विमानों के लिए दोनों देशों में इंजन खरीद का सौदा भी हुआ है।