News Room Post

अब चीन की हेकड़ी होगी खत्म, भारत ने नॉर्दन लद्दाख में तैनात किए हैवी टैंक, सेना भी बढ़ाई

India deployed missile-fired T-90 tanks

नई दिल्ली। चीन अपनी नाकपाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ जहां भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बैठकें चल रही हैं इसी बीच चीन लगातार सरहद के पास सेना की बढ़ोत्तरी करता जा रहा है। वहीं अब चीन की हेकड़ी निकालने के लिए भारत सरकार भी ऐसा ही कुछ करने जा रहा है जिसके बाद ड्रैगन के होश उड़ जाएंगे। दरअसल चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने भी नॉर्दन लद्दाख इलाके में सेना की तैनाती बढ़ा दी है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी जारी है।

सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘हमने डीबीओ और डेपसांग मैदानी क्षेत्र में टी-90 रेजीमेंट सहित सेना और टैंकों की बहुत भारी तैनाती की है।’ सूत्रों के मुताबिक काराकोरम दर्रे (PP-3) के पास डेपसांग मैदानों के पास पैट्रोलिंग पॉइंट 1 से तैनाती की गई है। बख़्तरबंद तैनाती ऐसी है कि चीनी को वहां काम करना मुश्किल होगा।

सरकारी सूत्र ने बताया कि टैंकों की मौजूदगी के चलते चीन के सैनिक कोई भी हिमाकत करने से बचेंगे। उनके लिए इस स्थिति में ऑपरेट करना मुश्किल होगा। डीओबी और देपसान्ग प्लेन्स के दूसरी तरफ के इलाके में चीन ने जब अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना शुरू किया था, तब यहां भारतीय सेना की माउंटेन ब्रिगेड और आर्मर्ड ब्रिगेड ही निगरानी करती थी। अब इस इलाके में 15 हजार से ज्यादा जवान और कुछ टैंक रेजीमेंट भी तैनात कर दी गई हैं।

इस क्षेत्र में चीनियों के प्रमुख इरादों में से एक अपने TWD बटालियन मुख्यालय से DBO सेक्टर के सामने काराकोरम पास क्षेत्र तक एक सड़क का निर्माण करना और वहां की बटालियन को जोड़ना है। सूत्रों ने कहा कि कनेक्टिविटी योजना को पहले भी नाकाम कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि एक छोटा पुल पीपी -7 और पीपी-8 के पास एक नाला पड़ता है जोकि भारतीय क्षेत्र के अंदर आता है वहां पर भी चीन ने पुल का निर्माण किया था, लेकिन इसे कुछ साल पहले भारतीय सैनिकों द्वारा तोड़ दिया गया था।

Exit mobile version