News Room Post

सीमा पर भारत ने चीन को दौड़ाया तो यूरोप की ये संस्था क्या कहने लगी भारतीय सेना के बारे में

jinping Sad

नई दिल्ली। भारत चीन सीमा विवाद को लेकर चीन की जो छवि जिस तरीके की बनी है, उससे वो अब पूरी दुनिया में बदनाम हो चुका है। ताजा स्थिति ये है कि भारत चीन को दो मोर्चों पर घेर रहा है। जहां एक तरफ भारत सरकार चीन के खिलाफ कदम उठा रही है और दूसरी ओर LAC पर भारतीय सेना चीन को करारा जवाब दे रही है।

भारत की तरफ से हो रहे इस दोहरे घेराव पर चीन अब बुरी तरह फंस चुका है। इस दोहरे घेराव से चीन बैकफुट पर आ गया है। भारत की इस घेराबंदी के बीच चीन फंसकर रह गया है। अब दुनिया भी इस बात को मानने लगी है कि LAC पर भारत ने मजबूती से कदम उठाए हैं और चीन को पीछे धकेल दिया है।

यूरोपीय थिंक टैंक यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (European Think Tank European Foundation for South Asian Studies) ने इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस चतुराई से भारतीय सेना ने चीन को जवाब दिया और जवाबी कार्रवाई की, उसके कारण चीन असमंजस में आ गया है। भारत की घेराबंदी के बाद अब चीन न ही इस मामले को हल कर पाने की स्थिति में है और ही इसमें लंबे वक्त तक फंसा रह सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के साथ बेवजह विवाद खड़ा करके अब चीन, तिब्बत और ताइवान जैसे गंभीर मामलों पर घिर सकता है। दरअसल, चीन के ताइवान के साथ भी संबंध खराब है और तनाव की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा हाल ही में चीन ने तिब्बत पर नियंत्रण को विस्तार देने वाली अपनी योजनाओं की घोषणा की है, जिसे वहां के लोग मानवाधिकारों के उल्लंघन और धार्मिक स्वंतत्रता को छीने जाने के रूप में देख रहे हैं। चीन ने तिब्बत पर जबरन कब्जा कर रखा है।

अमेरिका सहित कई बड़े देश चीन पर तिब्बत को लेकर निशाना साधते रहते हैं। ऐसे में यूरोपीय थिंक टैंक का मानना है कि अगर चीन (LAC) पर भारत के साथ विवाद और तनाव की स्थिति को जारी रखता है या बढ़ाचा है तो उसे इस मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यूरोपीय थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, चीन को जवाब देने के लिए भारत, तिब्बत विवाद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर जोर देकर उठा सकता है और इस काम में भारत अकेला नहीं होगा, यह मामला पहले से ही कई देशों की सूची में शामिल है।

रिपोर्ट में भारत-चीन सीमा विवाद पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों का भी हवाला दिया गया। रिपोर्ट में ब्रिटिश दैनिक ‘द टेलीग्राफ’ का जिक्र हुआ। ‘द टेलीग्राफ’ ने दावा किया था कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की न केवल घुसपैठ की साजिश को नाकाम किया बल्कि जवाबी कार्रवाई कर कुछ चीनी शिविरों पर कब्जा भी कर लिया।

Exit mobile version