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चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख की इन अहम चोटियों पर बढ़ाया अपना दबदबा

एक तरफ चीन (China) दुनिया को दिखने के लिए भारत (India) के साथ शांति समझौता करने का नाटक कर रहा है। दूसरी तरफ एलएसी (LAC) पर भारत पर वार भी करता रहता है। चीन की इन्हीं नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army) ने पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में अपना दबदबा बढ़ा लिया है।

East Ladakh

नई दिल्ली। एक तरफ चीन (China) दुनिया को दिखने के लिए भारत (India) के साथ शांति समझौता करने का नाटक कर रहा है। दूसरी तरफ एलएसी (LAC) पर भारत पर वार करता रहता है। हालांकि, भारत की तरफ से भी उसे करारा जवाब मिलता है और उसे हर बार मुंह की खानी पड़ती है। चीन की इन्हीं नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army) ने पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में अपना दबदबा बढ़ा लिया है।

दरअसल, सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो इलाके के आसपास चीनी ठिकानों पर नजर रखने के लिहाज से कई महत्वपूर्ण चोटियों पर अपना दबदबा बढ़ाया है। वहीं, क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए दोनों सेनाओं के ब्रिगेड कमांडरों और कमांडिग अधिकारियों ने अलग-अलग बातचीत की।

उन्होंने ये भी बताया कि पैंगोग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 तक चीन की मौजूदगी है। फिंगर-4 के चीनी कब्जे वाली जगहों पर कड़ी नजर रखने के लिए पैंगोग सो के आसपास पर्वतों की चोटियों और सामरिक महत्व वाले स्थानों पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। पर्वत श्रृंखला को फिंगर के तौर पर कहा जाता है।

इन सब के बीच सूत्रों ने बताया कि दोनों सेनाओं ने चुशुल के सामान्य क्षेत्र में ब्रिगेड कमांडर स्तर के साथ ही कमांडिग अधिकारी के स्तर की अलग-अलग वार्ता की । बातचीत का मकसद तनाव कम करना था। खास बात ये है कि अगस्त के अंत के बाद से भारतीय सेना ने झील के दक्षिणी किनारे पर रेजांग ला और राकिन ला में कई महत्वपूर्ण चोटियों पर दबदबा कायम कर लिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार की शाम रेजांग ला में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच ताजा झड़प होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। जिसके बाद भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में पिछली शाम को पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे के पास भारतीय सैनिकों की तैनाती की जगह के नजदीक जाने की कोशिश की और हवा में गोलियां चलाईं। करीब 45 साल के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गोलियां चलीं। इन सब के बीच भारत ने चीनी सैनिकों को सख्त चेतावनी दी है कि वह इस तारबंदी को पार करने की कोशिश ना करें।

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