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भारतीय रेलवे J&K में बना रहा है पहला केबल स्टे रेल पुल, जो किसी चमत्कार से कम नहीं!

Indian Railways: इस पुल(Cable stayed Rail Bridge) को मजबूत और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए जंप शटरिंग, पंप कॉन्ट्रास्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है। यह श्रमिकों के लिए उच्च सुरक्षा भी प्रदान करता है और माना जा रहा है कि इसके निर्माण में लगने वाला समय 30% कम हो जाएगा।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपना पहला केबल स्टे रेल पुल- अंजी खड का निर्माण कर रहा है। ये निर्माण जम्मू और कश्मीर में उत्तर रेलवे के उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) सेक्शन पर हो रहा है। बता दें कि यह पहला केबल स्टे रेल पुल होगा। भारत सरकार के उपक्रम कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा यह निर्माण किया जा रहा है। बता दें कि यह नदी के तल से इसकी ऊंचाई 331 मीटर की है। यह पुल जम्मू और कश्मीर में कटरा और रियासी को जोड़ेगा। भव्य अंजी खड पुल भारतीय रेलवे का माइलस्टोन प्रोजेक्ट है और इसको बनाने में आने वाली कठिनाइयों और इसमें इस्तेमाल की जाने वाली टैक्नोलॉजी के कारण इंजीनियरिंग चमत्कार माना जा रहा है। बता दें कि अंजी खड पुल में एक सिंगल खंभा है, जो नदी के तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा है। इस पुल की कुल लंबाई 473.25 मीटर है। वायडक्ट की लंबाई 120 मीटर और केंद्रीय तटबंध की लंबाई 94.25 मीटर है।

गौरतलब है कि इस पुल में 96 केबल का सपोर्ट दिया गया है। भारी तूफान को झेलने के लिए अंजी खड पुल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये तेज हवाओं की गति को सह सके। इस लोकेशन का भूविज्ञान बहुत जटिल है, जिससे किसी आर्च ब्रिज का निर्माण असंभव है। इसके अलावा, चूंकि 20 मीटर अच्छी तरह से नींव की परिधि के चारों ओर 40 मीटर गहराई के माइक्रोपाइल्स का उपयोग करके एक वर्टिकल ढलान में खंभा का निर्माण किया जाना था।

बता दें कि इस पुल को मजबूत और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए जंप शटरिंग, पंप कॉन्ट्रास्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है। यह श्रमिकों के लिए उच्च सुरक्षा भी प्रदान करता है और माना जा रहा है कि इसके निर्माण में लगने वाला समय 30% कम हो जाएगा। अंजी खड पुल पर विभिन्न स्थानों पर स्थापित कई सेंसर के माध्यम से एक एकीकृत निगरानी प्रणाली होगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पुल का एक वीडियो साझा किया था जो निर्माण प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों को दर्शाता है।

गौरतलब है कि भारतीय रेलवे USBRL प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में रेल लाइनों, पुलों और सुरंगों का निर्माण कर रहा है, क्योंकि कोई समतल भूमि नहीं है। यह निर्माण सामग्री और भारी मशीनरी के ट्रासपोर्टेशन के लिए निर्माण स्थलों तक मोटरयोग्य पहुंच प्रदान करने के लिए एप्रोच सड़कों का एक नेटवर्क भी बना रहा है। रेलवे ने 1 किमी और सड़क पुलों सहित जम्मू और कश्मीर में एक्सेस सड़कों के 205 किमी से अधिक नेटवर्क का निर्माण किया है, जिसकी लागत करीब 2,000 करोड़ रुपए है

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