नई दिल्ली। भारतीय रेल ने साफ किया है कि कोई भी ट्रेन अपने मार्ग से नहीं भटकी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमेन विनोद कुमार यादव ने इस बात का खंडन किया है कि ट्रेनों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में 9 दिनों तक समय लगा है। नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा, “शनिवार तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है, जिनमे सिर्फ 71 ट्रेनों का रूट ही बदला गया। इनमें से सिर्फ 4 ट्रेनों को ही 72 घन्टे से ज्यादा का समय लगा। जो 4 ट्रेनें ज्यादा लेट हुईं, वो उत्तरपूर्व में भूस्खलन की वजह से हुई।”
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने साफ किया कि 19 मई से पहले किसी भी ट्रेन के रूट में बदलाव नहीं किया गया, जबकि 20 से 24 मई के बीच 1279 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गयीं। उन्होंने साफ किया कि 3840 ट्रेनों में से 90 फीसदी यानी 3500 ट्रेन समय पर चलायी गयी।
ट्रेनों को डाइवर्ट करने की कुछ रिपोर्ट्स आई हैं। सच्चाई यह है कि 1 से 19 मई, व 25 से 28 मई तक कोई ट्रेन डाइवर्ट नही हुई।
20 से 24 मई के बीच राज्यों की मांग पूरी करने के लिये अधिक ट्रेन चली, जिससे नेटवर्क कंजेस्ट हुआ, और 3,840 ट्रेनों में से सिर्फ 71 ट्रेनों को डाइवर्ट किया गया। pic.twitter.com/ddYPjwYK44
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 29, 2020
शुक्रवार तक ट्रेनों का ब्यौरा देते हुए सीआरबी ने कहा कि अब तक 3840 ट्रेनों के जरिये कुल 52 हजार 40 हजार यात्री अपने गंतव्य स्थान को पहुंच चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 15 मई से 24 मई के बीच 20 लाख यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। इसके हिसाब से प्रतिदिन 3 लाख यात्रियों को घर पहुंचाया गया। इन ट्रेनों में से 80 फीसदी ,बिहार और उत्तरप्रदेश के लिए चलाई गई।
Railways appeals to everyone to refrain from spreading unverified news, specially during times of COVID-19.
No Shramik Train has taken 9 days to reach. Additionally, trains have not lost their way, but 71 out of 3,840 of them were diverted to avoid congested track of UP & Bihar. pic.twitter.com/UfidOUEYX6
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 29, 2020
उन्होंने कहा कि अब राज्यों की तरफ से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग कम आ रही है, आज 279 ट्रेनों की मांग आयी थी, जबकि 28 मई को 137 और 27 मई को 172 ट्रेनों की मांग आयी थी। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकतर ट्रेनों को दोपहर 2 बजे से 12 बजे के बीच चलाया गया, जिसकी वजह से ट्रैक पर ट्रैफिक ज्यादा रही।
फेक न्यूज के कारण एक भ्रम का निर्माण हुआ है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन सामान्य ट्रेन नही है, राज्य सरकारों को इसमें पूरी फ्लेक्सिबिलिटी दी गयी है।
ट्रेन टर्मिनेट की जा सकती हैं, एक्सटेंड की जा सकती हैं, रूट व स्टॉपेज बदला जा सकता है। श्रमिकों के लिये जो आवश्यक होगा, वह किया जायेगा। pic.twitter.com/3hhyfQzUCj
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 29, 2020
उन्होंने साफ किया कि ट्रेनों में भूख से हुईं मौत की खबर गलत है, जो भी मौत हुई है उसकी जांच की जा रही है। लेकिन उन्होंने बताया कि ट्रेनों में पर्याप्त खाना और पानी दिया जा रहा है। ट्रेनों में अब तक 30 से ज्यादा डिलीवरी हुई है , इन महिलाओं को निकटस्थ रेलवे स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा पहुचाई गयी हैं। उन्होंने लोगो से अपील की जो महिलाएं गर्भवती हैं, या जो लोग गंभीर रुप से बीमार हैं वो इस समय यात्रा न करें।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने एक बार फिर कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिक भाइयों से टिकट के पैसे नही लिए जा रहे हैं। 85 फीसदी केन्द्र और 15 फीसदी राज्य सरकार फेयर वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे हम नॉर्मलसी की तरफ बढेगे, ट्रेनों को आवश्यकता के अनुसार चलाई जाएगी। साथ भी उन्होंने यह भी साफ किया कि जब तक जरूरत होगी, श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलायी जाती रहेंगी।