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जेएनयू हिंसा की जांच में लिए गए 800 से ज़्यादा मोबाइल डंप, मिला बड़ा सुराग

नई दिल्ली। जेएनयू हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस ने जांच के सिलसिले में पेरियार हॉस्टल और साबरमती हॉस्टल के 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स के बयान लिए। वार्डन और हॉस्टल स्टाफ के बयान भी दर्ज किए गए।

पुलिस ने वायरल वीडियो की फ्रेम दर फ्रेम पिक्चर निकाली है और छात्रों को दिखाकर कुछ नकाबपोश उपद्रवियों की पहचान भी की। यह पहचान उनके हुलिए से की गई। अहम बात यह भी रही कि जेएनयू कैम्पस में हिंसा के समय एक्टिव करीब 800 से ज्यादा मोबाइल फोन का डंप डेटा भी लिया गया है।

इसकी जांच की जा रही है। उन सभी छात्रों की मोबाइल लोकेशन्स की डिटेल भी निकाली गई है ताकि उनके रोल की पहचान की जा सके। पुलिस के मुताबिक, 5 जनवरी की हिंसा के मामले में 11 शिकायतें मिली हैं, जो अलग स्टूडेंट्स ने की हैं। इनमे 3 शिकायतें एबीवीपी, 7 वामपंथी छात्रों और एक प्रोफ़ेसर सुचित्रा सेन ने की है। ये सभी शिकायतें क्राइम ब्रांच को दे दी गयी हैं। हिंसा के दौरान करीब 130 से ज्यादा SOS कॉल की गई थीं।

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