News Room Post

Justice DY Chandrachud Becomes CJI: पिता के फैसले पलटे, अयोध्या, आधार और यौन स्वायत्तता पर दिए अहम आदेश, ऐसे हैं नए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

chief justice dy chandrachud taking oath

नई दिल्ली। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आज से अगले 2 साल के लिए देश के चीफ जस्टिस का पद संभालने जा रहे हैं। वो 50वें चीफ जस्टिस हैं। उनके पिता वाईबी चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस थे। जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को खत्म होगा। 11 नवंबर 1959 को नए चीफ जस्टिस का जन्म हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट बने। इलाहाबाद हाईकोर्ट के भी जस्टिस चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस रहे। साल 2016 से वो सुप्रीम कोर्ट के जज हैं। अयोध्या मंदिर मसला, आधार, सबरीमला और समलैंगिकता के अलावा नोएडा के ट्विन टावर गिराने के फैसले देने वाली बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे।

उनके पिता वाईबी चंद्रचूड़ 16वें चीफ जस्टिस थे। वो 7 साल तक इस पद पर रहे। पिता के रिटायरमेंट के 37 साल बाद अब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद को संभालेंगे। अपने पिता के दो फैसलों को भी वो पलट चुके हैं। ये फैसले एडल्टरी यानी आईपीसी की धारा 497 और शिवकांत शुक्ला बनाम एडीएम जबलपुर मामलों में थे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने धारा 497 वाले नए फैसले में कहा था कि यौन स्वायत्तता को महत्व देना चाहिए। जबकि, शिवकांत मामले में उन्होंने निजता को मौलिक अधिकार माना था। जस्टिस चंद्रचूड़ उस बेंच में भी थे, जिसने नोएडा के ट्विन टावर गिराने का आदेश इस साल अगस्त में दिया था।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने पूर्ववर्ती चीफ जस्टिस यूयू ललित के विदाई समारोह में कहा है कि जस्टिस ललित ने उनके सामने बड़ी रेखा खींची है। नए चीफ जस्टिस ने कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस ने जिस तरह अपने छोटे से कार्यकाल में धड़ाधड़ मुकदमे निपटाए, उससे सुप्रीम कोर्ट में कामकाज को नई दिशा मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि वो अपने कार्यकाल में भी तेजी से केस निपटाएंगे। बता दें कि देश की सभी अदालतों को मिलाकर करीब 4.5 करोड़ मुकदमे अभी लंबित हैं।

Exit mobile version