बेंगलुरु। भारत ने चंद्रयान-3 के जरिए विक्रम लैंडर को 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे सफलता से चांद की सतह पर उतरा था। चांद पर विक्रम लैंडर उतरने के कुछ घंटे बाद प्रज्ञान रोवर इससे बाहर आया था। प्रज्ञान रोवर के बारे में इसरो की तरफ से शनिवार को जानकारी दी गई थी कि ये चांद की सतह पर करीब 26 मीटर चला है। चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर के चलने का वीडियो भी इसरो ने जारी किया था। अब चांद की सतह पर उतरे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के बारे में इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ का बड़ा बयान आया है।
हम इस मिशन की कामयाबी पर बहुत खुश हैं… वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं… सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे दिख रहे हैं। हम आने वाले 14 दिनों में चंद्रमा से डेटा मापना जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि ऐसा करते हुए हम विज्ञान में सफलता हासिल करेंगे। हम अगले… pic.twitter.com/Pl92JD9iTa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2023
इसरो चीफ डॉ. सोमनाथ ने शनिवार को मीडिया को बताया कि वैज्ञानिक इस मिशन की कामयाबी पर बहुत खुश हैं। सोमनाथ ने बताया कि वैज्ञानिक मिशन के ज्यादातर उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से जो डेटा मिल रहा है, वो उत्साहजनक है। इसरो चीफ ने ये भी बताया कि अगले 13-14 दिन तक विक्रम और प्रज्ञान से मिलने वाले डेटा का एनालिसिस जारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरिक्ष विज्ञान के इस अहम पड़ाव पर भारत सफलता जरूर हासिल करेगा। बता दें कि विक्रम लैंडर में 4 और प्रज्ञान रोवर में 2 यंत्र लगे हैं। जिनके जरिए चांद की सतह पर इसरो के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं।
Chandrayaan-3 Mission:
Of the 3⃣ mission objectives,
🔸Demonstration of a Safe and Soft Landing on the Lunar Surface is accomplished☑️
🔸Demonstration of Rover roving on the moon is accomplished☑️
🔸Conducting in-situ scientific experiments is underway. All payloads are…
— ISRO (@isro) August 26, 2023
इससे पहले शनिवार को ही इसरो ने अपने चंद्रयान-3 अभियान के लक्ष्य बताए थे। इसरो ने ट्वीट कर बताया था कि चंद्रयान के 3 लक्ष्यों में से 2 पूरे किए जा चुके हैं। पहला लक्ष्य भारत ने ये पूरा किया कि उसने दुनिया को दिखा दिया कि चांद की सतह पर सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग कराई जा सकती है। दूसरा लक्ष्य ये था कि चांद पर रोवर उतारकर उसे चलाया जा सकता है। वहीं, तीसरा लक्ष्य इसरो ने बताया था कि चांद पर वैज्ञानिक शोध जारी हैं और सभी यंत्र ठीक से काम कर रहे हैं। बता दें कि इसरो के चंद्रयान-1 अभियान के जरिए इसरो ने पता किया था कि चांद के दक्षिण ध्रुव पर कम मात्रा में पानी है। ये खोज करने वाला इसरो दुनिया का पहला अंतरिक्ष संस्थान है।