नई दिल्ली। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटाने के बाद इसकी वजह बताई है। मायावती ने बयान जारी किया है कि पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। मायावती ने ये भी कहा है कि बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेंट के हित में एवं बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर तरह का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।
वैसे देखा जाए, तो आकाश आनंद को शायद ये आभास पहले ही हो गया था कि उनको बुआ मायावती बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा सकती हैं। बीते दिनों न्यूज चैनल आजतक से बात करते हुए आकाश आनंद ने कहा था कि बहुत लोगों को मौके दिए गए, लेकिन नहीं चल पाया। मुझे इस बार ये जिम्मेदारी दी गई है। अगर मैं भी नहीं चला सका, तो मुझे भी हटाया जा सकता है। दरअसल, माना जा रहा है कि आकाश आनंद के चुनाव प्रचार के तरीके और उनकी भाषा शैली बीएसपी सुप्रीमो मायावती को नहीं भायी। दरअसल, आकाश आनंद ने चुनाव प्रचार के दौरान कई जनसभाओं में अपशब्द भी कहे। उन्होंने एक बार तो ‘जूते मारने’ वाला बयान भी दिया। दलित नेता चंद्रशेखर के बारे में भी उनकी जुबान से अपशब्द निकला था।
28 अप्रैल को यूपी के सीतापुर में आकाश आनंद ने अपनी रैली में बीजेपी को निशाना बनाया था। उस दौरान आकाश आनंद ने कहा था कि बीजेपी की सरकार को बुलडोजर की सरकार कहे जाने पर पीएम मोदी विपक्षी दलों से सवाल कर रहे हैं, लेकिन ये वास्तव में बुलडोजर की नहीं, आतंकवादियों की सरकार है। आकाश आनंद ने ये भी कहा था कि इस सरकार ने मुल्क की अवाम को गुलाम बनाकर रखा है। आकाश आनंद की तरफ से आतंकवादी कहे जाने पर बीजेपी ने सीतापुर में उनके खिलाफ एफआईआर भी कराई थी। मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो आकाश आनंद को मायावती ने आगाह भी किया था कि वो अपनी भाषा पर संयम बरतें, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके। इसके बाद बीएसपी ने आकाश आनंद की जनसभाओं को भी कैंसल कर दिया था।