नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा दिए गए एक फैसले को लेकर उनकी जमकर तारीफ की है। उन्होंने अपनी तारीफ में क्या कुछ कहा है। आगे हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे, लेकिन आइए उससे पहले आपको बता देते हैं कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ऐसा क्या फैसला दिया है, जिसके कायल ही हो गए किरेन रिजिजू। दरअसल, उत्तराखंड के प्रशासनिक सेवा के उम्मीदवार धनजंय कुमार ने परीक्षा में अपने साथ एक लेखक ले जाने की इजाजत मांगी थी। पहले उन्होंने उत्तराखंड प्रशासनिक सेवा आयोग के समक्ष याचिका दाखिल कर परीक्षा में लेखक ले जाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन उन्हें यह इजाजत नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया और याचिका दाखिल कर परीक्षा में अपने साथ लेखक ले जाने की इजाजत मांगी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई कर धनजंय कुमार को परीक्षा में अपने साथ लेखक ले जाने की इजाजत दे दी। जिसकी प्रशंसा अब केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने खुद की है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
किरेन रिजिजू ने क्या कहा
दरअसल, किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधीश डॉ डीवाई चंद्रचूड़ की यह दिल को छू लेने वाली कार्रवाई है। उत्तराखंड में न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए मुंशी की मांग करने वाले एक दिव्यांग उम्मीदवार को बड़ी राहत मिली है। एम्स ने उनकी विकलांगता प्रमाणित की थी। एक योग्य व्यक्ति को समय पर न्याय बहुत संतोषजनक होता है। बता दें कि किरेन रिजिजू ने मुख्य न्यायाधीश की तारीफ ऐसे वक्त में की है, जब कानून मंत्री पिछले कुछ दिनों से खुलकर सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति हेतु अपनाई गई कोलेजियम प्रणाली की आलोचना कर रहे हैं। वहीं, कानून मंत्री के अलावा याचिकाकर्ता के वकील ने भी जमकर तारीफ की है।
This is such a heart warming action by hon’ble Chief Justice Dr DY Chandrachud. A great relief to a Divyang candidate who sought a scribe for the Judicial Service exam in Uttarakhand. AIIMS had certified his disability. Timely Justice to a deserving person is very satisfying. pic.twitter.com/V5ampXxtkD
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) April 30, 2023
याचिकाकर्ता के वकील ने भी की तारीफ
बता दें कि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमने सुबह साढ़े 11 बजे पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। जिसका डायरी नंबर सुबह 10 बजे मिला। ऐसे याचिकाकर्ता के हित में फैसला सुनाया है। इस फैसले से लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास बढ़ेगा। ध्यान रहे कि किसी भी देश की लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में वहां की जनता का उसके न्यायपालिका के प्रति विश्वास बढ़े, यह अनिवार्य है।