नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब में विभिन्न स्थानों पर आम आदमी पार्टी (आप) विधायक कुलवंत सिंह की संपत्तियों पर व्यापक छापेमारी की है। यह कदम हाल ही में दिल्ली में की गई इसी तरह की कार्रवाइयों के मद्देनजर उठाया गया है, जो कथित वित्तीय अनियमितताओं की व्यापक जांच का संकेत देता है। पंजाब के रियल एस्टेट क्षेत्र की एक प्रमुख हस्ती कुलवंत सिंह को पंजाब विधानसभा के सबसे धनी विधायकों में से एक के रूप में जाना जाता है। मोहाली का प्रतिनिधित्व करते हुए, वह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं। ईडी की कार्रवाई में सेक्टर 71, मोहाली में उनके आवास की तलाशी भी शामिल थी, जहां माना जाता है कि कथित शराब घोटाले से संबंधित सबूत मांगे जा रहे थे।
छापे केवल कुलवंत सिंह के आवास तक ही सीमित नहीं हैं; अमृतसर, लुधियाना और मोहाली में शराब व्यापारियों से जुड़ी संपत्तियों पर एक साथ कार्रवाई की गई, जिससे जांच का दायरा और बढ़ गया।
ईडी की कार्रवाई पर AAP ने दी प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान जारी कर पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम नैतिकता और शासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने में विश्वास करते हैं। गलत काम का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
कुलवंत सिंह का प्रभाव और विवाद
रियल एस्टेट व्यवसाय में कुलवंत सिंह का प्रभाव काफी रहा है, जिससे वह पंजाब के आर्थिक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय व्यक्ति बन गए हैं। उनका राजनीतिक करियर भी विवादों से घिरा रहा है, जिसमें विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप लगे हैं। ईडी द्वारा उन पर हालिया फोकस राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना संभावित गलत कामों की जांच करने और उनका समाधान करने के एजेंसी के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
ED has raided AAP MLA Kulwant Singh in connection with Liquor scam of Delhi and Punjab. After summoning Delhi CM and AAP Convener Arvind Kejriwal, now ED has started working on Punjab link of this liquor scam. This exercise is necessary to expose Rs. 550 crore corruption done in…
— Bikram Singh Majithia (@bsmajithia) October 31, 2023
कुलवंत सिंह की संपत्तियों पर छापे की गूंज पूरे राजनीतिक क्षेत्र में फैल गई है, जिससे राज्य के राजनीतिक प्रतिष्ठान के भीतर नैतिकता और जवाबदेही पर चर्चा शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने सार्वजनिक कार्यालय में पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल देते हुए गहन और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया है।