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कांग्रेस का बदला, मध्यप्रदेश में गरीबों की रोक दी ‘इमरजेंसी’ पेंशन

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से इमरजेंसी पेंशन दी जा रही थी। अलग-अलग कैटेगरी में इसका भुगतान होता था। इसके तहत इमरजेंसी में तीन महीने की जेल काटने वाले को 10000 रुपया महीना मिलता था। जबकि छह महीने तक की जेल काटने पर 15000 रुपए दिए जाते थे। 6 महीने से ऊपर तक की जेल काटने वाले को 25000 रुपया महीना दिया जाता था।

नई दिल्ली। कांग्रेस मध्यप्रदेश में पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार से इस कदर खार खाई हुई है कि उसके पिछले सभी फैसलों को पलट रही है। इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बुजुर्गों की इमरजेंसी पेंशन रोक दी है। यह पेंशन उन लोगों को मिल रही थी जो इमरजेंसी के दिनों में जेल गए थे। इन लोगों ने अब कोर्ट का सहारा लिया है।

मध्यप्रदेश में काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो इमरजेंसी के दौर में मीसा एक्ट के तहत जेल गए थे। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से इमरजेंसी पेंशन दी जा रही थी। अलग-अलग कैटेगरी में इसका भुगतान होता था। इसके तहत इमरजेंसी में तीन महीने की जेल काटने वाले को 10000 रुपया महीना मिलता था। जबकि छह महीने तक की जेल काटने पर 15000 रुपए दिए जाते थे। 6 महीने से ऊपर तक की जेल काटने वाले को 25000 रुपया महीना दिया जाता था।

यह पेंशन साल 2008 से चालू थी। इससे कई गरीब परिवारों का गुजारा होता था। मगर कमलनाथ सरकार ने इसे बंद कर दिया। इसके बंद होने से यह परिवार बुरी तरह आहत हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लागू की थी। इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस को हमेशा घेरे में लिया जाता है।

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