नई दिल्ली। पूरे देश की नज़रें इस वक्त महाराष्ट्र के मौजूदा सियासी संकट पर हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार और शिवसेना विधायकों के बागी एकनाथ शिंदे गुट के बीच छिड़ी तनातनी देश की सर्वोच्च अदालत की चौखट तक जा पहुंची है। महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष ने शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भेजा तो गुवाहाटी में डेरा डाले बैठी बागी टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से इस कार्रवाई को ‘गैर-कानूनी और असंवैधानिक’ घोषित करने और इस पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की है। एक और दिलचस्प बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी उद्धव सरकार की तरफ से पेश होंगे जबकि जाने-माने वकील हरीश साल्वे शिंदे गुट की वकालत करते नज़र आएंगे। इस हॉट हियरिंग की वजह से सुबह से ही हरीश साल्वे ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। लिहाजा इस खबर में हम आपको हरीश साल्वे के बारे में बताने जा रहे हैं।
वकील हरीश साल्वे तब सबसे ज्यादा सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव का केस इंटरनेशल कोर्ट में महज एक रुपए की फीस में लड़ा था। साल्वे सीनियर एडवोकेट हैं। सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर भी रहे हैं। साल 2015 में बॉलीवुड स्टार सलमान खान को सजा होने के कुछ घंटे बाद ही साल्वे के मजबूत तर्क की वजह से ही उन्हें ज़मानत मिल सकी थी। 22 जून 1955 को महाराष्ट्र में जन्मे साल्वे मूल रूप से नागपुर के रहने वाले हैं। उनके दादा पीके साल्वे भी दिग्गज क्रिमिनल लॉयर रह चुके हैं। उनके पिता एन के पी साल्वे बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे हैं। शुरुआती दिनों में हरीश साल्वे अपनी टैक्स लॉयर नानी के जूनियर बनकर काम करते थे और सारे कानूनी दाव-पेंच सीखते थे फिर साल 1976 में उन्होंने सीनियर एडवोकेट सोली सोराबजी की देखरेख में प्रैक्टिस शुरू की थी। बाद में वो दिल्ली पहुंचे और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।
1992 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ‘सीनियर एडवोकेट’ डिक्लेयर कर दिया। साल 1999 में उन्हें सॉलिसिटर बनाया गया, हालांकि इसके बाद 2002 में दूसरी बार मिल रहे इस ऑफर को उन्होंने ठुकरा दिया था। साल्वे दिल्ली में कुलीन पालम मार्ग की 800 गज की कोठी में रहते हैं जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपए है। हरीश साल्वे को पियानो बजाना, बेंटले कार चलाना और किताबें पढ़ना बेहद पसंद है। उन्हें गैजेट का भी शौक है और वो नए-नए मोबाइल रखने के शौकीन हैं। वो देश के सबसे महंगे एडवोकेट में गिने जाते हैं। साल्वे के बारे में कहा जाता है कि वे एक पेशी का कम से कम 4.5 लाख रुपए लेते हैं इसके अलावा वे एक दिन की सुनवाई का 30 लाख रुपए चार्ज करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में साल्वे वोडाफोन टैक्स मामले, रिलायंस गैस विवाद में मुकेश अंबानी की तरफ से, इटली सरकार के लिए दो इटैलियन मरीन्स के हक में और योग गुरु स्वामी रामदेव के मामले में दिल्ली पुलिस का पक्ष रख चुके हैं।