नई दिल्ली। कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने अपनी पार्टी के बारे में बड़ा बयान दिया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि कांग्रेस को ये नहीं सोचना चाहिए कि उसके बगैर कोई और नेता विपक्ष के गठबंधन का नेतृत्व नहीं कर सकता। अपनी किताब ‘अ मेवेरिक इन पॉलिटिक्स’ को रिलीज करने के बाद इस इंटरव्यू में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी ब्लॉक का लीडर पद छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी नेता बनना चाहे, उसे बनने देना चाहिए। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ममता बनर्जी में ऐसा करने की क्षमता है।
मणिशंकर अय्यर ने अपने इंटरव्यू में कहा कि दूसरे नेताओं में भी दम है कि वे गठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं। इन नेताओं के पास प्रतिभा भी है। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री ने कहा कि वो नहीं मानते कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि कांग्रेस तो केंद्रीय भूमिका में रहने ही वाली है। उन्होंने राहुल गांधी को भी सुझाव देने के लहजे में कहा कि भले ही वो विपक्षी गठबंधन के मुखिया न रहें, लेकिन उनका सम्मान उससे भी ज्यादा रहेगा। बता दें कि बीते दिनों ही मणिशंकर अय्यर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी से उनकी अर्से से मुलाकात नहीं हुई है। मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि प्रियंका गांधी वाड्रा से उनकी फोन पर बात होती है।
मणिशंकर अय्यर ने अपने ताजा इंटरव्यू में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की तुलना जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल से की। उन्होंने कहा कि दोनों ने मिलकर कांग्रेस को खड़ा किया। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि राहुल और प्रियंका के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं देखते। उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका 30 साल तक कांग्रेस का चेहरा रहेंगे। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि परिवार की तरफ से पार्टी का चेहरा तो राहुल गांधी ही रहेंगे, लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा अहम योगदान देंगी। दोनों में कोई भी अलगाव नहीं करा सकेगा।