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Crisis In NCP: एनसीपी में बगावत से महाराष्ट्र के बाकी दलों में भी खलबली, उद्धव, शिंदे और कांग्रेस के नेताओं ने भी बुलाई बैठक

uddhav nana patole eknath shinde

मुंबई। एक तरफ एनसीपी पर अपना कब्जा साबित करने के लिए शरद पवार और अजित पवार ने अलग-अलग बैठक बुलाई है। वहीं, शरद पवार का साथ दे रहे कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी ने भी आज मुंबई में अहम बैठक बुलाई है। इन बैठकों में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे तय करेंगे कि एनसीपी में चाचा और भतीजे के बीच मचे गदर के बाद अगली रणनीति क्या बनानी है। हालांकि, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस ने मंगलवार को ही ये तय किया है कि वे महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। अभी ये नहीं पता चला है कि महाविकास अघाड़ी के इन तीनों दलों के नेता ये दौरा साथ करेंगे या अलग-अलग। वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना पदाधिकारियों की आज बैठक करने का फैसला किया है। कुल मिलाकर लग रहा है कि एनसीपी में बगावत से इन तीन दलों में भी खलबली मची है।

कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि शरद पवार आखिरकार अजित के खेमे को पटकनी दे देंगे। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक शरद पवार का अपनी पार्टी के नेताओं पर हमेशा दबदबा रहा है। एनसीपी का शायद कोई नेता ऐसा हो, जो शरद पवार की बात काट सके। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक अजित पवार और उनके साथ अलग हुए नेताओं को फिर 2019 जैसा झटका लगेगा। बता दें कि 2019 में अजित पवार ने बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन शरद पवार के राजी न होने की वजह से 80 घंटे बाद ही पद छोड़कर वापस एनसीपी में चले गए थे। अजित पवार हालांकि इस बार दावा कर रहे हैं कि एनसीपी असल में उन्हीं के पास है। वो कह रहे हैं कि एनसीपी में कोई टूट नहीं हुई है और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ही हैं।

उधर, शरद पवार खेमा भी अजित और उनके साथ गए विधायकों की वापसी की राह खोले हुए है। शरद पवार ने अपनी बेटी और एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के कहने पर दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और सांसद सुनील तटकरे को तो पार्टी से निकालने का एलान कर दिया, लेकिन अजित पवार और बाकी के खिलाफ ऐसा कदम नहीं उठाया है। हां, दबाव बनाने की खातिर इनकी विधायकी रद्द करने की चिट्ठी जरूर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी है। अब आज शरद पवार और अजित पवार गुट की बैठकों से पता चलेगा कि एनसीपी पर कौन काबिज है और इस पार्टी का भविष्य क्या होने वाला है।

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