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Maharashtra: महाराष्ट्र में नहीं थम रही MNS कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, अब इस अंग्रेजी स्कूल में की तोड़फोड़

Raj Thackrey

नई दिल्ली। एक तरफ जहां राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ता मराठी भाषा का राग अलापकर गुंडागर्दी करने से बाज नहीं आते हैं। वहीं अब इस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा अंग्रेजी माध्यम के स्कूल को भी निशाना बनाए जाने की खबर सामने आ रही है। महाराष्ट्र में कभी मराठी भाषा तो कभी मराठी अस्मिता के नाम पर मनसे के कार्यकर्ता लोगों के साथ मारपीट करते हैं। मनसे के निशाने पर सबसे ज्यादा हिंदी भाषी लोग या फिर बिहार, यूपी और पूर्वोत्तर के लोग होते हैं।

औरंगाबाद में गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने एक अंग्रेजी स्कूल में जाकर तोड़फोड़ की है। इस स्कूल का नाम जैन इंटरनेशनल स्कूल बताया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन के अनुसार, एमएनएस कार्यकर्ताओं ने स्कूल की खिड़कियों पर लगे कांच पर टेबल कुर्सियों को उठाकर फेंका।

जबकि इस मामले में मनसे के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह पूरा मामला फीस को लेकर हुआ। बवाल की वजह बच्चों के माता-पित से ज्यादा फीस की वसूली रहा है। MNS से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्कूली बच्चों के माता-पिता से फीस की आड़ में ज्यादा पैसे लूटने के कारण स्कूल के खिलाफ ये कदम उठाया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का कहना है कि स्कूल प्रबंधन स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम और बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सामान की आड़ में अभिभावकों को लूट रहा है।

वहीं इस पूरे मामले पर स्कूल प्रबंधन का आरोप है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता और उनके साथ आए कुछ और लोगों ने तोड़फोड़ को अंजाम दिया। जिसको लेकर स्कूल प्रबंधन ने मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।

MNS कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, मराठी ना आने पर शोरूम मालिक की कर दी पिटाई

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने एक बार फिर मराठी भाषा का राग अलापा है। इस बार ये चिंगारी उठी है कोलाबा इलाके से,जहां एक मराठी लेखिका शोभा देशपांडे (75 वर्ष ) महावीर जूलर के यहां गई थी। दरअसल गुरुवार शाम को मराठी लेखिका शोभा देशपांडे कोलाबा के महावीर ज्वेलरी शोरूम गई थीं। उन्होंने मराठी में बातचीत शुरू की लेकिन ज्वेलर्स गुजराती भाषी था और मराठी नहीं बोल रहा था। शोरूम मालिक ने उन्हें मराठी के बजाय हिंदी में बोलने के लिए कहा, क्योंकि उन्हें मराठी नहीं आती थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। लेखिका का कहना है कि उसे मराठी आ रही थी फिर भी वह भाषा का अपमान कर रहा था।

लेखिका शोभा दुकान के बाहर ही धरने पर बैठ गईं और रातभर सड़क पर लेटी रहीं। सुबह इसकी जानकारी MNS के नेताओं को मिली तो उन्होंने पहले पहुंचकर ज्वेलरी शोरूम मालिक को ही पीट दिया। इतना ही नहीं मनसे के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर जैन को थप्पड़ भी मारा।

वहीं इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लेखिका शोभा देशपांडे से माफी मांगी कि उन्हें सड़क पर रात गुजारनी पड़ी।

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