नई दिल्ली। अन्य पिछड़ा वर्ग OBC के लिए जल्दी ही अच्छी खबर आने की उम्मीद है। हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ के मुताबिक मोदी सरकार इस वर्ग के लिए क्रीमीलेयर के दायरे को बढ़ाने जा रही है। फिलहाल ओबीसी के लिए क्रीमीलेयर 8 लाख है। इसे बढ़ाकर 10 लाख किए जाने की तैयारी है। हर तीन साल में क्रीमीलेयर को बढ़ाने का प्रावधान कानून में है। पिछली बार साल 2017 में इसे 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख किया गया था। ओबीसी के लिए कानून के तहत 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड समेत 11 राज्यों में इस वर्ग को पूरा आरक्षण नहीं मिल रहा है।
पंजाब में ओबीसी को सबसे कम 12 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। वहीं, बिहार, आंध्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में 27 फीसदी से ज्यादा आरक्षण ओबीसी को मिल रहा है। जबकि, यूपी, असम, दिल्ली, गोवा, गुजरात, ओडिशा और हरियाणा समेत 10 राज्यों में पूरा आरक्षण वहां की सरकारें इन्हें दे रही हैं। खबर के मुताबिक ओबीसी के उप वर्गीकरण का काम भी करीब करीब पूरा हो गया है। इस मामले में गठित आयोग जल्दी ही रिपोर्ट देने जा रहा है। बताया जा रहा है कि क्रीमीलेयर में बदलाव के सुझाव के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक कमेटी भी बनाई है।
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले कह चुका है कि क्रीमीलेयर को तय करने का आधार सिर्फ आर्थिक नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा था कि इसके लिए सामाजिक और अन्य पहलुओं को भी देखा जाना चाहिए। ओबीसी के उप वर्गीकरण आयोग का कार्यकाल 31 जुलाई तक है। ऐसे में इस समय तक क्रीमीलेयर पर भी सरकार फैसला ले सकती है। फिलहाल ओबीसी को आरक्षण देने का हक राज्यों के पास है। वहीं, केंद्र सरकार अपने विभागों में इस आरक्षण को लागू करती है।