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विकास का नया मॉडल बनाना होगा, स्वदेशी अपनाना होगाः मोहन भागवत

नई दिल्ली। कोरोना संकट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से संवाद शुरू किया गया है। महामारी काल में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ‘वर्तमान परिदृश्य और हमारी’ भूमिका विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है। जीवन तो चल रहा है। स्वयंसेवकों को लगता होगा कि शाखा बंद है, नित्य कार्यक्रम बंद हैं तो संघ का काम बंद है, ऐसा नहीं है। संघ का काम चल ही रहा है, बस उसका स्वरूप बदल गया है। घर में रहना ही इलाज है।

उन्होंने आगे कहा, “कोरोना से बचाव के लिए घर में ही रहें। प्रचंड रूप से संघ के सेवा कार्य चल रहें है और उसको समाज देख रहा है। स्वयं के प्रयास से अच्छा बनना और समाज को अच्छा बनाना ही अपना काम है। एकांत में आत्मसाधना और परोपकार संघ कार्य का स्वरूप है। केवल संघ के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी कुछ बातें स्पष्ट हैं। अपने स्वार्थ की पूर्ति या अपना डंका बजाने के लिए हम काम नहीं कर रहे। यह समाज हमारा है, इसलिए सेवा कर रहें हैं। अहंकार को त्याग कर बिना श्रेय के काम करना है।”

संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा, “हम अपना डंका बजाने के लिए कार्य नहीं करते। दुनिया के दुखों को दूर करना संघ का काम है। लोगों को बताने से पहले खुद स्वास्थ्य नियमों का पालन करें। कोरोना से डरना नहीं, डरने से संकट और बढ़ता है. हम इसलिए काम करते हैं क्योंकि ये देश हमारा है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा पीयें। हमें सेवा करते हुए सावधान भी रहना है।”

संघ प्रमुख ने कहा, “बिना डरे कर्तव्य का पालन करें। संकट कई चीजें दिखा रहा है। आत्मनिर्भर बनें। लॉकडाउन के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। लॉकडाउन में पर्यावरण ठीक हुआ है। विकास का नया मॉडल बनाना होगा। जरूरतों को सीमित करना पड़ेगा। स्वदेशी को अपनाना होगा।”

मोहन भागवत ने पालघर में दो साधुओं की हत्या पर जतायी चिंता

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को पालघर हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा की साधुओं को पीट-पीट कर मार डाला गया। भय और क्रोध पर काबू रखें। साधुओं ने किसी का अहित नहीं किया था।

उन्होंने कहा, “हमको लॉकडाउन का पालन करना होगा। हमे इस संकट से निकलना होगा। हमारे संकट को अवसर बनाना होगा। स्वदेशी को अपनाना पड़ेगा। मोहन भगवत ने स्वावलंबी होने की बात फिर दोहरायी। उन्होंने कहा, “लॉकडाउन से हवा-पानी ठीक हुआ है। इस पर विचार करना होगा। हमको इस बात पर विचार करना होगा कि हम लॉकडाउन के खत्म होने के बाद फिर से रोजगार का साधन कैसे पैदा कर सकते हैं।”

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