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राहुल की विदेश यात्रा पर केंद्रीय मंत्री नकवी का तंज, कहा-जब नानी याद आती है तो वो…

Rahul Gandhi and mukhtar abbas naqvi

नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी पार्टी (Rahul Gandhi) के स्थापना दिवस से एक दिन पहले विदेश दौरे पर निकल गए। जिसके बाद राहुल गांधी लगातार निशाने पर आ गए हैं। हालांकि राहुल के बचाव में खुद पार्टी को सामने आना पड़ा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि राहुल गांधी अपनी नानी को देखने गए हैं। राहुल गांधी की विदेश यात्रा को लेकर भाजपा लगातार हमलावर है। इसी कड़ी में अब केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh ) ने राहुल गांधी की विदेश यात्रा को लेकर तंज कसा है।

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘पार्ट टाइम पॉलिटिक्स, फ़ुल टाइम पर्यटन और पाखंड जो नेता करेगा, उसको नानी याद आएगी और जब नानी याद आती है तो वो कहां पहुंच जाते हैं इसका पता सिर्फ उनको ही होता है।’

वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने भी राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि प्रियंका गांधी अपनी नानी से उतना प्यार नहीं करतीं, जितना राहुल गांधी करते हैं।

कांग्रेस स्थापना दिवस पर राहुल रहे गैरहाजिर, संजय झा बोले- पार्टी को आगे उठाना पड़ सकता है खामियाजा

पार्टी से निलंबित दिग्गज नेता संजय झा ने कांग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के गैरहाजिर होने पर कहा कि, कांग्रेस को इसका नुकसान आगे उठाना पड़ सकता है। राहुल की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठाते हुए संजय झा ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में परिवर्तन की इच्छा का अभाव है। लगता ही नहीं कि पार्टी शीर्ष धड़ा नेतृत्व में बदलाव चाहता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की गलती पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कर रहा है, उसका खामियाजा उसे आगे उठाना पड़ सकता है। CNN-News18 को संजय झा ने एक साक्षात्कार दिया जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास पर्याप्त राजनीतिक अनुभव होने के बावजूद वो पार्टी और भारत के लिए एक विज़न मैप बनाने में विफल रहे हैं।

संजय झा ने कहा कि पिछले काफी समय से पार्टी के बहुत से दिग्गज नेता गायब हैं, ये पार्टी के लिए चिंता का विषय है। झा ने कहा, ‘कांग्रेस में कुछ हासिल करने की भूख, ऊर्जा और महत्वाकांक्षा की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि इसकी कमी कांग्रेस में पिछले कई सालों से हैं। पार्टी को अब वैसे ही प्रदर्शन की जरूरत है, जैसा 1977 के बाद इंदिरा गांधी ने किया था। लेकिन वर्तमान नेतृत्व में परिवर्तन के लिए कोई इच्छा शक्ति नहीं दिखाई देती है जोकि अफसोस की बात ये है।’

क्या पार्टी आने वाले दिनों में अच्छा कर सकती है? इस सवाल पर संजय झा ने कहा कि, मौजूदा समय को देखते हुए मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के परिवर्तन के लिए वर्तमान नेतृत्व में इच्छाशक्ति की कमी है। कांग्रेस तकनीकी रूप से, असम और केरल में बहुत आगे है, इसके बावजूद वहां लगातार उनके प्रतिद्वंद्वी बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए कांग्रेस को अब आक्रामक अभियान शुरू करना चाहिए।

संजय झा ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि, राहुल एक अच्छे इंसान हैं और उनके इरादों में कोई खोट नहीं है। उनके पास पार्टी और भारत के लिए एक विज़न मैप बनाने के लिए पर्याप्त राजनीतिक अनुभव है, लेकिन शायद ही वह इसके बारे में कभी बताते हैं। लंबे समय तक राहुल पार्टी में सक्रिय नहीं रहे, ऐसे में कांग्रेस के अंदर बहुतों का दखल रहा है जो चिंता का विषय है। एक अच्छे नेता की पहचान होती है कि वह खुद से आगे बढ़कर बातचीत शुरू करे। झा ने कहा, ‘आलोचकों को भी अच्छे नेता को अपने आसपास रखना चाहिए और कार्यकर्ताओं से भी उनका मत लेना चाहिए, जिससे पार्टी को मज़बूत किया जा सके।

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