News Room Post

Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव की नहीं होगी तेरहवीं, जानें क्यों लिया अखिलेश यादव ने ऐसा फैसला

Akhilesh Yadav

नई दिल्ली। विगत दिनों गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया था, जिसके बाद समाजवादियों में शोक की लहर दौड़ गई। पीएम मोदी से लेकर अमित शाह सहित भारतीय राजनीति के सभी नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया। उनके निधन से अखिलेश यादव पूरी तरह से टूट चुके हैं। सैफई स्थित उनके घर पर अभी-भी सन्नाटा पसरा हुआ है। निधन के इतने दिनों बाद भी सैफईवासी अपने नेताजी को भुला नहीं पाए हैं। नेताजी के उपकार, योगदान और दुलार को सैफईवासियों के लिए भुला पाना आसान नहीं होगा। इस सिलसिले में आगामी 21 अक्टूबर को समस्त प्रदेश में नेताजी को श्रद्धांजलि देने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें शिरकत करने के लिए सभी नेताओं को कहा गया है।

उधर, अखिलेश यादव ने नेताजी की तेरहवीं नहीं मनाने का फैसला किया है। अब आपके जेहन में यह सवाल उठ सकता है कि परंपराओं के मुताबिक तो किसी के निधन पर तेरहवीं मनाना अनिवार्य होता है, तो भला अखिलेश यादव इस तरह कैसे नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं? आखिर ऐसा करने के पीछे की क्या वजह हो सकती है, तो ऐसा करने के पीछे की वजह अखिलेश यादव नहीं, बल्कि वो सैफईवासी हैं, जो ना जाने कितने ही सालों से किसी के भी निधन पर तेहरवीं नहीं मना रहे हैं। दरअसल, उनका मानना है कि किसी के निधन पर तेरहवीं मनाना उचित नहीं है, क्योंकि इससे जहां परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, तो वहीं दूसरी तरफ यह अजीब भी लगता है कि जहां एक तरफ कोई अपने के खोने से शोक में है, तो दूसरा भोज खा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए सैफईवासियों ने कई वर्ष पहले किसी के भी निधन पर तेरहवीं नहीं करने का फैसला कर लिया था।

हालांकि, अखिलेश यादव के परिवार के पास किसी भी प्रकार के धन की कमी नहीं है, वो चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन वर्षों से चले आ रहे रवायत को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव के परिजनों ने तेरहवीं नहीं करने का फैसला किया है। बता दें कि बीते दिनों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान अखिलेश भावुक भी हो गए। उनकी आंखें डबडबा गईं, तो सूर्य प्रताप शाही उन्हें हिम्मत देते हुए दिखें।

Exit mobile version