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RSS : ‘भारत में मुस्लिमों को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन उन्हें पुरानी वर्चस्व की कहानी छोड़नी चाहिए’: मोहन भागवत

नई दिल्ली। भाजपा की जननी कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्‍थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ अपने शताब्दी वर्ष 2025 तक देश के सभी मंडलों में शाखा प्रारंभ करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए संघ के सभी अधिकारियों का लगातार प्रवास हो रहा है। सरसंघचालक डाक्टर मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का भी प्रवास देश के सभी प्रांतों में जारी है। ऐसे ही एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि मुसलमानों को भारत में डरने की कोई बात नहीं है लेकिन उन्हें वर्चस्व का अपना दावा छोड़ देना चाहिए। “सरल सत्य यह है – हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रहने वाले मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है। यदि वे अपने विश्वास पर टिके रहना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं। यदि वे अपने पूर्वजों की आस्था में लौटना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं।

इसके साथ ही मोहन भागवत ने यह भी कहा कि यह पूरी तरह उनकी पसंद है। हिन्दुओं में ऐसी हठधर्मिता नहीं है। इस्लाम को डरने की कोई बात नहीं है। लेकिन साथ ही, मुसलमानों को वर्चस्व की अपनी बड़बोली बयानबाजी को छोड़ देना चाहिए, ”उन्होंने कहा। “हम एक महान जाति के हैं; हमने एक बार इस देश पर शासन किया था, और इस पर फिर से शासन करेंगे; सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं; हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे; हम एक साथ नहीं रह सकते, उन्हें (मुसलमानों को) इस कथा को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए।


गौरतलब है कि देशभर में प्रांतीय प्रवास की इसी योजना के तहत संघ प्रमुख मोहन भागवत ओडिशा के राउरकेला विभाग की बैठक में शामिल होने के लिए 14 जनवरी की रात राउरकेला पहुंचेंगे। वहां 15 से 17 जनवरी तक आयोजित बैठक में भाग लेंगे। तीन दिनों तक संघ के पदाधिकारियों के साथ शाखा विस्तार पर मंथन करेंगे। उसके बाद कोलकाता के लिए रवाना होंगे, जहां 23 जनवरी तक होने वाली दक्षिण बंग प्रांत की बैठक में उपस्थित रहेंगे। राउरकेला के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, सेक्टर 6 में आयोजित तीन दिवसीय बैठक में राउरकेला विभाग के अंतर्गत राउरकेला, सुंदरगढ़ ओर झारसुगुडा जिले के कार्यकर्ता, पश्चिमी ओडिशा प्रांत के अंतर्गत आने वाले सभी पांच विभागों के विभाग प्रचारक, विभाग कार्यवाह और प्रांत की कार्यकारिणी के सभी सदस्य इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।

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