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Farmers Protest: किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री तोमर का बड़ा बयान, ट्वीट कर कही ये बात

नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ देश में किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmer Protest) आज 16वें दिन भी जारी है। किसान नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने शुक्रवार को किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आड़ में कुछ ”असामाजिक तत्व” उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।

कृषि मंत्री तोमर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व किसान आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। मेरी किसान भाइयों से अपील है कि वे सजग रहें एवं ऐसे असामाजिक तत्वों को अपना मंच प्रदान न करें।’’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है। सरकार की किसानों एवं उनके प्रतिनिधियों से चर्चा जारी है। किसानों की आपत्ति पर निराकरण का प्रस्ताव भी किसान यूनियन को भेजा गया है और आगे भी सरकार चर्चा के लिए तैयार है।

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने प्रदर्शनकारियों के हाथों में देशद्रोहियों के पोस्टर देख सवाल उठाए। इतना ही नहीं इस पोस्टर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा है कि किसान आंदोलन में इस पोस्टर का आखिर क्या काम है।

कृषि मंत्री तोमर ने आरोप लगाया कि एमएसपी, एपीएमसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं। यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए। यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने के लिए किया जा रहा है। दरअसल, किसान आंदोलन के बीच मानवाधिकार दिवस के मौके पर गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी।

इसी पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैं किसान नेताओं से कहना चाहता हूं कि इस प्रकार के लोगों के हाथ में आपका आंदोलन पहुंच जाएगा तो इससे किसानों के हितों को नुकसान होगा। किसानों को सावाधानी बरतनी चाहिए देश को तोड़ने वाले लोग किसान आंदोलन में दिखेंगे तो इससे किसान बदनाम होंगे। किसान हमारे देश का अन्नदाता है किसानों ने देश को आत्मनिर्भर बनाया है। कोरोना के समय में भी किसानों ने मेहनत की। किसानों को देखना चाहिए कि उनके मंच का कोई गलत इस्तेमाल न करने पाए।’

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