नई दिल्ली। इस समय बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष की एकजुटता का सपना देख रहे हैं। लेकिन इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को उन्हें झटका दिया है। कांग्रेस ने कहा कि 24 फरवरी से शुरू हो रहे इसके तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में चर्चा की जाएगी एवं आगे का रुख तय किया जाएगा। हालांकि, उसने इस बात पर भी जोर दिया कि उसकी मौजूदगी के बिना देश में विपक्षी एकता की कोई भी कवायद सफल नहीं हो सकती। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का स्वागत किया और कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के प्रभाव को स्वीकार किया है। साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि उनकी ही ऐसी इकलौती पार्टी है, जिसने कभी भी भाजपा के साथ सहयोग की भावना से काम नहीं किया।
Politics : भाजपा संग समझौते पर कभी तैयार नहीं हुए, हमारे बिना मजबूत विपक्षी एकता हो नहीं सकती : कांग्रेस
Politics : उन्होंने कहा, ''अधिवेशन एक ऐसा मंच होगा जहां इस पर चर्चा होगी। निश्चित तौर पर इस बारे में (नेतृत्व) निर्देश आएगा।'' रमेश ने कहा, ''हम मानते हैं कि विपक्ष की एकता जरूरी है। लेकिन विपक्ष की एकता के लिए यात्रा नहीं निकाली गई थी, यह इसका परिणाम हो सकता है। अधिवेशन में इस पर विचार होगा।
