नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की मुश्किलें बढ़ते दिखाई दे रही है। केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) के बीच छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते महीनों से कथित शराब घोटाले को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तकरार देखने को मिल रही है। इसी क्रम में एक बार फिर से अब एलजी और दिल्ली सरकार के बीच जंग छिड़ते दिखाई दे रही है। दरअसल इस बार एलजी सक्सेना ने आम आदमी पार्टी पर बिजली सब्सिडी में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। एलजी ने आप सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनी बीएसईएस डिस्कॉम को सब्सिडी का पैसा देने के मामले में चीफ सेक्रेटरी को जांच करने के लिए भी कहा है। साथ ही एलजी ने उन्हें सात दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
एलजी दफ्तर के सूत्रों के अनुसार, दिग्गज वकीलों और विधिक विशेषज्ञ सहित कई शिकायतकर्ताओं ने बिजली कंपनियों को सब्सिडी भुगतान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायती चिट्ठी भेजी थी। जिसके बाद अब एलजी ने मामले के जांच के आदेश दे दिए है।
Delhi LG has asked the Chief Secretary to inquire into the alleged “irregularities and discrepancies” in the power subsidy given by AAP govt to BSES discoms. LG has sought the report in 7 days.
— ANI (@ANI) October 4, 2022
मनीष सिसोदिया का एलजी पर पलटवार-
वहीं अब एलजी के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर उनके इस आदेश को राजनीति से प्रेरित बता डाला। मनीष सिसोदिया ने पत्र में लिखा, आप दिल्ली की चुनी हुई सरकार को बाईपास करके रोज हमारे काम काज पर नई-नई जांच बिठा रहे है। आपकी ये सभी जांच गैरकानूनी और गैर संवैधानिक है।
#BREAKING: Manish Sisodia writes a strong worded letter to @LtGovDelhi VK Saxena, tells him that he is regularly bypassing the elected govt and interfering in the state affairs through central probe agencies which is “illegal & unconstitutional.” @NewIndianXpress #BreakingNews pic.twitter.com/OhrG4z1DB7
— Ashish Srivastava (@AshishOnGround) October 4, 2022
उन्होंने कहा कि आपके संज्ञान में संविधान में दिए गए आपके अधिकारों को पुन: रेखाकिंत करना चाहता हूं। दिल्ली में जमीन, पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और सर्विसेज के अलावा भी बाकी सभी मामलों में निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को ही दिया गया है।