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Rift Over Virtual School: देश के पहले वर्चुअल स्कूल पर झूठ बोले केजरीवाल? NIOS ने खोली पोल तो बीजेपी हुई हमलावर

cm kejriwal

नई दिल्ली। एक बार फिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दावे पर उंगली उठी है। इस बार मामला देश के पहले ‘वर्चुअल स्कूल’ का है। केजरीवाल ने बुधवार को ताम-झाम के साथ दिल्ली में वर्चुअल स्कूल खोलने का एलान किया। उन्होंने दावा किया कि ये देश का पहला वर्चुअल मोड में चलने वाला स्कूल है। केजरीवाल ने कहा कि इस स्कूल की सभी क्लासेज ऑनलाइन होंगी। छात्र अपने घर से पढ़ाई कर सकेंगे। इस स्कूल में शुरुआत में 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई का एलान भी केजरीवाल ने किया था। पहले आप सुनिए केजरीवाल का वर्चुअल स्कूल खोलने पर बयान।

केजरीवाल के इसी दावे को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग NIOS ने गलत बता दिया। एनआईओएस ने बाकायदा बयान जारी कर कहा कि भारत का पहला वर्चुअल स्कूल 2021 में उसका स्थापित किया हुआ है। संस्था ने बताया कि अगस्त 2021 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ये स्कूल शुरू किया था। ओपन स्कूल ने अपने बयान में बताया कि उससे संबद्ध 7000 से ज्यादा पढ़ाई के केंद्र हैं। ये केंद्र छात्रों को अकादमिक मदद देते हैं। इसके अलावा 1500 से ज्यादा केंद्र छात्रों को कौशल वाले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में मदद कर रहे हैं। इन सभी जगह ऑनलाइन यानी लाइव इंटरैक्टिव क्लास की जाती हैं।

एनआईओएस की तरफ से देश के पहले वर्चुअल स्कूल के बारे में केजरीवाल के दावे को गलत बताते ही बीजेपी एक बार फिर दिल्ली के सीएम पर हमलावर हो गई। बीजेपी के नेता आशीष सूद ने कहा कि केजरीवाल को हम झूठ नहीं बोलने देंगे। उनके हर झूठ का पर्दाफाश करेंगे। सूद ने कहा कि शराब नीति पर जवाब न देना पड़े, इस वजह से बिना किसी बजट प्रावधान के वर्चुअल क्लास की शुरुआत केजरीवाल ने की है।

सूद ने कहा कि केजरीवाल हमेशा दावा करते हैं कि वो और उनकी सरकार हर काम नंबर-1 करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के अरबों रुपए नंबर-1 चोरी की तरह चुराए हैं, ठीक उसी तरह वर्चुअल स्कूल की बात भी नंबर-1 चोरी है। आशीष सूद ने कहा कि इससे पहले उत्तराखंड में 2020 में वर्चुअल स्कूल के बारे में काम हुआ था। यहां तक कि मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति तो वर्चुअल यूनिवर्सिटी की भी बात करती है।

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