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सिख विरोधी दंगा केस: उम्र कैद की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को SC ने फिर दिया बड़ा झटका

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को 1984 सिख दंगे (Anti-Sikh Riots) के एक मामले में कांग्रेस (Congress) के पूर्व नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को जमानत देने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (CJI SA Bobde), एएस बोपन्ना और वी. रामसुब्रहमण्यम की खंडपीठ ने कहा कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील तभी सुनी जाएगी जब कोर्ट में फिजिकल हियरिंग यानी आमने-सामने सुनवाई होगी। ये कोई छोटा मोटा केस नहीं है, खंडपीठ ने जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा।

शीर्ष न्यायालय ने सज्जन कुमार को अस्पताल में रहने की भी इजाजत नहीं दी। कोर्ट के मुताबिक उनका मेडिकल रिपोर्ट ऐसा नहीं है कि अस्पताल में रहने की जरूरत पड़े। सज्जन की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट में गवाहों के बयान बदले हुए थे।

कोर्ट ने कहा कि जमानत नहीं दी जा सकती। दंगा पीड़ितों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने विकास सिंह की दलील का विरोध किया और कहा कि सज्जन कुमार के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इससे पहले मई के महीने में भी कोर्ट ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट से उनके स्वास्थ्य की जांच करने को कहा था।

1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान देशभर में सिखों के खिलाफ हिंसा भड़की थी। इसके बाद दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद रह चुके सज्जन कुमार को कोर्ट ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बता दें कि पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिख विरोधी दंगे के एक मामले में निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने सज्जन कुमार पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया था।

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