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No Relief For Dhananjay Singh : बाहुबली धनंजय सिंह की सजा पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट का इनकार, राजनीतिक भविष्य अधर में

नई दिल्ली। अपहरण और रंगदारी मामले में सजायाफ्ता यूपी के बाहुबली नेता और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। उच्च न्यायालय ने सुनवाई पूरी हुए बिना सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बता दें कि जौनपुर की एमएपी एमएलए कोर्ट ने अपहरण और रंगदारी के एक मामले में 6 मार्च को पूर्व सांसद को सात साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वह जेल में हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह की अर्जी पर सुनवाई के लिए जौनपुर की जिला अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं। वहीं इस मामले में यूपी सरकार से भी 22 अप्रैल तक जवाब मांगा है। हाईकोर्ट इसके बाद 24 अप्रैल को इस मामले में फिर सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए धनंजय सिंह पर केस दर्ज कराया था। पुलिस को दी गई तहरीर पर आरोप लगाया गया था कि धनंजय का परिचित विक्रम सिंह अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था जहां अभिनव से रंगदारी की मांग की गई।

धनंजय सिंह आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर जौनपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे लेकिन भाजपा ने जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया। इसके बाद धनंजय ने बागी तेवर दिखाते हुए अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था, ‘साथियों! तैयार रहिए… लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर।’ उन्होंने इस पोस्ट के साथ एक पोस्टर भी शेयर किया, जिसमें लिखा था, ‘जीतेगा जौनपुर जीतेंगे हम।‘ जिसके बाद से उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की आशंका जताई जाने लगी थी। उसके बाद धनंजय को कोर्ट ने सजा सुना दी और वो गिरफ्तार हो गए। अब ऐसा लगता है कि धनंजय सिंह की चुनाव लड़ने की उम्मीदें धरी की धरी रह जाएंगी।

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