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पाकिस्तान की एक और नई चाल, कुलभूषण जाधव की पैरवी के लिए भारतीय वकील को मंजूरी देने से किया इनकार

नई दिल्ली। भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) मामले में घिरी पाकिस्तान सरकार ने अब एक और नई चाल चली है। दरअसल पाकिस्‍तान (Pakistan) ने कुलभूषण जाधव को भारतीय वकील देने की मांग को खारिज कर दिया है। गुरुवार को पाकिस्तान ने कहा कि देश की अदालत में भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी भारतीय वकील को अनुमति देना कानूनी रूप से हमारे लिए संभव नहीं है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने भारत की मांग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह कहा।

हफीज चौधरी ने कहा कि भारतीय पक्ष जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी भारतीय वकील को अनुमति देने की असंगत मांग कर रहा है। हमने बार-बार उन्हें कहा है कि केवल वे वकील ही अदालत में जाधव का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा है कि देश के अंदर विदेशी वकील वकालत नहीं कर सकते।

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके कुछ ही समय बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच से पाकिस्तान द्वारा मना करने और मौत की सजा को चुनौती देने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और उसे बिना देरी किए भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए। पाकिस्तान द्वारा पहली राजनयिक पहुंच गत वर्ष दो सितम्बर में प्रदान की गई थी।

पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को उसके सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां उन्होंने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश किया था। वहीं भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उनके व्यापारिक हित थे।

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