News Room Post

Parliament Security Breach: अब दिल्ली पुलिस नहीं, बल्कि CISF करेगी संसद की सुरक्षा, गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। दरअसल, मंत्रालय ने अब संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को सौंप दी है। पहले यह जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के कांधों पर थी। ध्यान दें, सीआईएसएफ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल का ही हिस्सा है, जो कि प्रमुख रूप से केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में दिन -रात लगा रहता है। दिल्ली में स्थित कई केंद्रीय भवनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ के हाथों में ही है। वहीं, अब संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ के हाथों में सौंप दी है।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ को निर्देश दिया है कि वो एक दफा संसद का जायजा लें और इसके बाद ये फैसला करें कि कहां किसकी तैनाती करनी है, क्योंकि हाल ही में जिस तरह से संसद में कुछ लोगों ने अप्रत्याशित तरीके से दाखिल होकर तांड़व मचाया है , उससे हर कोई हतप्रभ है।

कैसे होती है संसद की सुरक्षा ?

आपको बता दें कि संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा के पास होती है। हालांकि, दोनों सदनों के अपने अलग-अलग सुरक्षाकर्मी होते हैं। इन्हें पार्लियमेंट सिक्योरिटी सर्विस के नाम से जाना जाता है। वैसे तो ये सुरक्षाकर्मी साल के 12 महीने संसद की सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं, लेकिन जब सत्र चल रहा होता है और सांसदों की आवाजाही बढ़ जाती है, तो सुरक्षाकर्मी पहले से ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। हर गतिविधियों पर पैनी निगाहें रखते हैं। ध्यान दें, दोनों सदनों के अपने अलग-अलग सुरक्षाकर्मी हैं, जो कि संसद की सुरक्षा में लगे रहते हैं।

कौन करता है संसद की सुरक्षा ?

दरअसल, संसद की सुरक्षा में मुख्य रूप से दिल्ली पुलिस के जवान, सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), इंडो-तिब्बत पुलिस फोर्स (आईटीबीपी) के जवान दिन-रात मुस्तैदी से जुटे रहते हैं। इसके अलावा संसद परिसर के बाहर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो, एसपीजी, एनएसजी के जवानों की भी सक्रियता बनी रहती हैं। सनद रहे कि हाल ही संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद उक्त कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से उठाया गया है।

Exit mobile version