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अब सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन गुप्ता के इस दावे को किया खारिज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाए एक दोषी पवन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 20 जनवरी को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी पवन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने दावा किया था कि घटना के वक्त वह नाबालिग था।

पवन खुद को वारदात के समय नाबालिग करार देने की मांग कर रहा था। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुप्रीम कोर्ट में पवन के वकील ने दलील दी कि स्कूल प्रमाणपत्र में पवन की उम्र वारदात के समय 18 साल से कम थी। स्कूल सर्टिफिकेट के मुताबिक पवन की जन्मतिथि 8 अक्टूबर 1996 है, पुलिस ने ये बात छिपाई है। पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि अपराध के समय पवन नाबालिग था, इसलिए उसे फांसी नहीं हो सकती है।

इस पर कोर्ट ने पवन के वकील से सवाल किया, ‘आपने ये सर्टिफिकेट 2017 में हासिल किया। उससे पहले आपको कोर्ट से दोषी करार दिया गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पवन की 9 जुलाई 2018 को पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी हैं।’

सुप्रीम कोर्ट ने पवन के वकील को कहा, ‘पवन की उम्र का मुद्दा उसकी पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान उठाया गया था और सुप्रीम कोर्ट इस दलील को पुनर्विचार याचिका के फैसले में पहले ही ख़ारिज कर चुका है, आप फिर वही मुद्दा उठा रहे हैं । इस तरह अगर बार बार कोर्ट में आते रहेंगे तो सुनवाई का कोई अंत नहीं होगा।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को उठा चुके हैं, कितनी बार आप यही मुद्दा उठाएंगे?’ जस्टिस भूषण ने कहा, ’10 जनवरी 2013 को ही निचली अदालत ने ये दावा खारिज कर दिया था कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था। वकील ने कहा कि उस समय पवन के पास कोई वकील नही था।’

 

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