नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष भले थमा हुआ हो, लेकिन मोदी सरकार देश की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। इसी वजह से मोदी सरकार अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजित डोभाल को रूस भेज रही है। अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अजित डोभाल अगले हफ्ते रूस जाएंगे। वहां वो रूस की सरकार से कहेंगे की भारत को जो 2 और एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम मिलने हैं, वे जल्दी दे दिए जाएं। इससे पहले रूस ने भारत को 3 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम सौंपे थे। भारत और रूस के बीच 5 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का सौदा हुआ था, लेकिन यूक्रेन युद्ध के कारण रूस ने सिर्फ 3 एस-400 ही भारत को दिए थे।
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक इस दौरान पाकिस्तान के मिसाइल हमले को रोकने में एस-400 की बड़ी भूमिका रही। 5 एस-400 मिलने के बाद सेना इनको पाकिस्तान के साथ ही चीन और भारत के बीच एलएसी पर भी तैनात कर सकेगी। जब 2022 में चीन और भारत के बीच गलवान घटना के बाद तनातनी बढ़ी थी, उसी वक्त रूस ने 3 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को दिए थे। जिनको एलएसी पर तैनात किया गया था। भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 2000 किलोमीटर लंबी सीमा और एलओसी है। वहीं, चीन के साथ एलएसी की लंबाई 3488 किलोमीटर है।
भारत और रूस ने 5 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए 35000 करोड़ का सौदा किया था। इस सौदे के तहत सभी 5 एस-400 स्क्वॉड्रन साल 2024 के अंत तक भारत को मिलने थे। माना जा रहा है कि अजित डोभाल के रूस दौरे पर बाकी बचे 2 एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी जल्दी ही भारत को मिल जाएंगे। दरअसल, पाकिस्तान के खिलाफ अभी ऑपरेशन सिंदूर बंद नहीं किया गया है। मोदी सरकार ने इसे अभी स्थगित किया है। ऐसे में दोनों देशों के बीच अगर फिर संघर्ष हुआ, तो पाकिस्तान के साथ ही चीन की किसी चाल से निपटने में एस-400 के सभी 5 मिसाइल डिफेंस सिस्टम बड़ी भूमिका निभाएंगे।