नई दिल्ली। विपक्ष ने एक सुर से वन नेशन वन इलेक्शन बिल लाने का विरोध किया है। विपक्ष के तमाम सांसदों ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को संसद की जेपीसी के पास चर्चा के लिए भेजने की मांग की है। कांग्रेस ने साफ कह ही दिया है कि वन नेशन वन इलेक्शन का कानून बनाने के वो खिलाफ है। समाजवादी पार्टी ने भी इसका विरोध किया है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि वन नेशन वन इलेक्शन किसी पार्टी का नहीं, देश का मसला है। किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि देश में पहले एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होते थे, लेकिन कांग्रेस के कारण अब हर साल बार-बार चुनाव होते हैं।
#WATCH | On One Nation, One Election Bill, Union Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says, “One Nation, One Election is a very important issue for the nation. It’s not for the party or any other individual, it’s for the country. When the bill for One Nation, One Election… pic.twitter.com/wbaJy4dnoO
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi | On One Nation One Election, BJP MP Dr Sanjay Jaiswal says, “Every Parliamentarian should consider it with an open mind… Why are they (the opposition) outright rejecting without debating something that was initiated with the creation of the Constitution and… pic.twitter.com/4ODpVowKkH
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: On One Nation One Election Bill, Congress MP Jairam Ramesh says, “The Congress party firmly, totally, comprehensively reject the one nation, one election bill. We will oppose the introduction. We will demand its reference to a Joint Parliamentary Committee. We… pic.twitter.com/VrwyQDvAV5
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: On One Nation One Election, Congress MP Manish Tewari says “It militates against the basic structure of the constitution. India is a union of states, so therefore you cannot arbitrarily cut short the tenure of state assemblies. The fundamental principles of… pic.twitter.com/FYk267giaY
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: Shiv Sena UBT MP Priyanka Chaturvedi says, “The One Nation, One Election is being brought in the guise of centralizing power again. When there was a detailed discussion on the Constitution in the Lok Sabha for two days and it will continue in the Rajya Sabha… pic.twitter.com/RwCJR3csOb
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: On One Nation, One Election Bill, Samajwadi Party MP Ram Gopal Yadav says, “Our party will oppose it because it is against all sections of the Constitution…” pic.twitter.com/zjlh29nlji
— ANI (@ANI) December 17, 2024
#WATCH | Delhi: On One Nation One Election Bill, NCP-SCP MP Supriya Sule says “We are demanding JPC should be done and discussions should take place. Our party is demanding JPC.” pic.twitter.com/mqdm8Czxcb
— ANI (@ANI) December 17, 2024
वन नेशन वन इलेक्शन के बिल को विपक्ष असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी बता रहा है। विपक्ष ये सवाल भी पूछ रहा है कि अगर किसी राज्य में बीच कार्यकाल सरकार गिर गई, तो वहां के लिए क्या व्यवस्था होगी? हालांकि, इस बारे में बिल में प्रावधान किया गया है। जानकारी के मुताबिक वन नेशन वन इलेक्शन के बिल के खंड दो के उपखंड 5 में कहा गया है कि अगर किसी राज्य में अलग से चुनाव कराना हो, तो चुनाव आयोग इसके लिए राष्ट्रपति से मंजूरी लेगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उस राज्य में बीच में भी चुनाव कराया जा सकता है। अब विपक्ष इस प्रावधान पर राजी होता है या नहीं, ये देखना बाकी है।
वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले साल 2019 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में दिया था। फिर उनकी सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन पर सुझाव देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। रामनाथ कोविंद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंपी थी। इस रिपोर्ट को मोदी कैबिनेट ने मंजूर किया था। 12 दिसंबर 2024 को मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को भी मंजूरी दी थी। मोदी सरकार इस मामले में विपक्ष के साथ आमराय बनाना चाहती है। वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन बिल लाने से पहले सरकार को सर्वदलीय बैठक करनी चाहिए थी।
#WATCH | Delhi: On One Nation One Election Bill, Congress MP Pramod Tiwari, says “It would have been better if an all-party meeting would have been called where there should have been discussions regarding this. But the Govt has brought this issue to divert from other important… pic.twitter.com/s7Edu0qoyL
— ANI (@ANI) December 17, 2024