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Monsoon Session: संसद में हंगामा करना विपक्षियों को पड़ा महंगा, 19 सांसदों को किया गया सस्पेंड

Monsoon Session: हालात ऐसे बन चुके हैं कि संसद का पूरा समय वार-प्रतिवार में ही गुजर जा रहा है। लेकिन संसद के दोनों ही सदनों के प्रमुख किसी भी ऐसे सांसद के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, जो कि संसदीय गतिविधियों में बाधा पहुंचाए। आज इसका नमूना एक बार फिर से हम सभी को देखने को मिला है।

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नई दिल्ली। लोकतंत्र में संसद की अपनी एक अहम भूमिका होती है, जहां जनता से संदर्भित मुद्दे उठाए जाते हैं। उस पर बहस की जाती है। चर्चा-परिचर्चा की जाती है, ताकि निकट भविष्य में जनता के हित में कदम उठाए जा सकें। इसके लिए संसद में तीन सत्रों का आयोजन किया जाता है, जहां सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष पक्ष के नेता एकत्रित होते हैं और जनता से संदर्भित मुद्दों को उठाते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से संसद बहस का अखाड़ा बन चुकी है। विपक्ष सत्तापक्ष के साथ सार्थक बहस करने के लिए कतई तैयार नहीं है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि संसद का पूरा समय वार-प्रतिवार में ही गुजर जा रहा है। लेकिन संसद के दोनों ही सदनों के प्रमुख किसी भी ऐसे सांसद के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, जो कि संसदीय गतिविधियों में बाधा पहुंचाए। आज इसका नमूना एक बार फिर से हम सभी को देखने को मिला है।

आपको बता दें कि आज संसदीय गतिविधियों में बाधा पहुंचाने के आरोप में राज्यसभा ने विपक्ष ने 19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है। इन सांसदों पर आरोप है कि संसदीय गतिविधियों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की है। बता दें कि इससे पहले बीते सोमवार को भी विपक्ष के चार सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।

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