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Delhi: महंगाई पर विपक्ष ने लोकसभा में सरकार को घेरा तो वित्त मंत्री सीतारमण ने किया पलटवार, आंकड़े बताए तो वॉकआउट का बहाना बनाकर भागे

nirmala sitharaman

नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को महंगाई पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेताओं ने तमाम आशंकाएं जताते हुए मोदी सरकार को घेरा था। चर्चा के दौरान सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विपक्ष के इन हमलों को सदन में बैठकर देख और सुन रही थीं। जब उन्होंने चर्चा का जवाब देना शुरू किया, तो विपक्ष बगलें झांकने लगा। विपक्ष के एक-एक आरोप को सीतारमण ने आंकड़ों के जरिए छिन्न-भिन्न कर दिया। सीतारमण ने पलटकर विपक्ष से कहा कि उन्हें अपनी सरकार के दौरान के आंकड़े भी देख लेने चाहिए। तब के मुकाबले अब देश बहुत बेहतर स्थिति में है। सीतारमण के पलटवार से परेशान विपक्ष और कांग्रेस के सांसद आखिरकार वॉकआउट के बहाने सदन छोड़कर जाने पर मजबूर हो गए।

विपक्ष की ओर से कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने महंगाई पर चर्चा के दौरान खास तौर पर महंगाई दर के 7 फीसदी पर बने रहने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने ये भी कहा था कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने आम इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी लगाने का मुद्दा भी उठाया था। वित्त मंत्री ने अधीर रंजन के हर आरोप को आंकड़ों के जरिए काट दिया। सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा महंगाई की दर को 7 फीसदी या उससे नीचे रखती रही है। जबकि, यूपीए सरकार के दौरान 22 महीने महंगाई की दर 9 फीसदी और 9 महीने तक 10 फीसदी से ज्यादा थी। उन्होंने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बीते दिनों दिए गए बयान को भी पढ़ा कि रिजर्व बैंक RBI ने बेहतर काम किया है और भारत की हालत श्रीलंका जैसी होने की उम्मीद नहीं है।

निर्मला सीतारमण ने उन आरोपों को भी गलत बताया कि अंतिम संस्कार पर भी जीएसटी लगाया गया है। उन्होंने साफ कहा कि आज विपक्ष आरोप लगा रहा है कि हमने कई चीजों पर 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया। जबकि, हकीकत ये है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्री भी इस फैसले के पक्ष में थे। सीतारमण ने कहा कि खुले दूध, पनीर, दही, लस्सी, छाछ, अनाज पर अब भी कोई जीएसटी नहीं है। बस पहले से पैक और ब्रांडेड ऐसी चीजों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाई गई है।

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