News Room Post

Madarsa Survey: मदरसों की हालत सुधारने के लिए आज से योगी सरकार करा रही सर्वे, ओवैसी और मायावती लगा रहे मुस्लिम उत्पीड़न का आरोप

yogi madarsa

लखनऊ। आज से यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे हो रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके आदेश दिए थे। यूपी सरकार का कहना है कि इस सर्वे से 25 अक्टूबर तक जो डेटा मिलेगा, उसके बाद मदरसों को नए सिरे से मान्यता दी जाएगी। मान्यता मिलने से मदरसा छात्रों और शिक्षकों को तमाम फायदे होंगे, लेकिन विपक्षी दल इसे सियासी मुद्दा बना रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन AIMIM के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के अलावा बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी मदरसों के सर्वे पर सवाल उठाए हैं। दोनों ने इसे मदरसों पर निशाना और मुसलमानों का उत्पीड़न करार दिया है।

ओवैसी ने इस मामले में ट्वीट किया कि यूपी में मदरसों के 50000 टीचरों की तनख्वाह के 750 करोड़ बकाया हैं। पहले अल्पसंख्यक कार्य मंत्री (मुख्तार अब्बास नकवी) ने आश्वासन दिया था कि इसके लिए फंड जल्दी ही दे दिया जाएगा। उन्होंने ये भी लिखा कि बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन सा सर्वे कराने की जरूरत है। ओवैसी ने लिखा कि आधुनिकीकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसका विरोध किया, तो मुझपर झूठा आरोप लगाया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकीकरण के खिलाफ हूं। बता दें कि इससे पहले भी ओवैसी लगातार मदरसों के आधुनिकीकरण के खिलाफ बयान देते रहे हैं। जिसपर बीजेपी के कई नेताओं ने तंज कसा था कि ओवैसी खुद लंदन में पढ़े हैं। उनके परिवार के बच्चे भी विदेश में पढ़ते हैं और वो आम मुसलमानों को बेहतर शिक्षा देने की राह में रोड़ा अटकाते हैं।

दूसरी तरफ बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी मदरसा सर्वे पर सवाल उठाया है। मायावती ने ट्वीट में लिखा, ‘मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित और दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन और अतंकित करने (Muslim teasing) का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुखद और निन्दनीय है।’ मायावती ने आगे लिखा कि अब यूपी में मदरसों पर बीजेपी सरकार की टेढ़ी नजर है। मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों और सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

Exit mobile version