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कोरोना के बहाने SAARC समिट में पाकिस्तान की नापाक हरकत, कश्मीर को लेकर कह दी ये बात

नई दिल्ली। कोविड-19 (कोरोनावायरस) से निपटने की रणनीति पर चर्चा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित विडियो कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने भी आज हिस्सा लिया। चर्चा में हिस्सा लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जफर मिर्जा ने अपनी बात में कोरोना से लड़ने में पाक सरकार की तैयारियों और सफलताओं को ही केंद्र में रखा और इमरान सरकार की पीठ थपथपाते हुए दिखे। उन्होंने यह दावा भी किया कि पाक कोरोना को रोकने में सफल रहा है और यहां तक कि डब्ल्यूएचओ ने भी इस्लामाबाद की तारीफ की है।

लेकिन अपनी पुरानी आदत को जारी रखते हुए पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जफर मिर्जा ने इस माहौल में भी कश्मीर का राग अलापने से अपने आप को नहीं रोका। कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते दक्षेस देशों के साथ वीडियो कांफ्रेंस संवाद में पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी को हटा लेना चाहिए। हालांकि मिर्जा ने पीएम मोदी का शुक्रिया भी किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए कोई भी देश मुंह नहीं मोड़ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करनी चाहिए और सबसे खराब के लिए तैयार रहना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (13 मार्च) को आठ सदस्यीय इस क्षेत्रीय संगठन से संपर्क किया था और इस विषाणु का मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिये दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेताओं के बीच वीडियो कांफ्रेंस की वकालत की थी। उनके सुझाव का दक्षेस के सभी सदस्य देशों ने समर्थन किया था।

वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दक्षेस देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस से निपटने के लिये संयुक्त रणनीति बनाने को लेकर संवाद करते हुए सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही उन्होंने इसको लेकर नहीं घबराने की अपील की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य ममलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने आपातकालीन फंड बनाने का सुझाव दिया। भारत ने इसके लिए 1 करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया।

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