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पवार ने फेर दिया वामपंथी नेताओं की उम्मीदों पर पानी, ठुकरा दिया विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव

sharad pawar

नई दिल्ली। हिंदुस्तान की जनता बॉक्स ऑफिस की कमाई और चुनावी नतीजों को लेकर जानने के लिए हमेशा ही आतुर रहती है। जिसे जानने के लिए लोग हर सुबह अखबारों की सुर्खियां खंगालते हैं, तो कभी टीवी पर तैरने वाली सुर्खियों पर नजर गड़ाए रहते हैं। बता दें कि पिछले कुछ  दिनों से आम जनता का कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है। दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है। ऐसे में लोगों के जेहन में यह जानने की बेताबी अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि आखिर इस मर्तबा देश के अगले राष्ट्रपति कौन होने जा रहे हैं। हालांकि, अभी सत्तारूढ़ दल की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस बीच विपक्षी दलों की तरफ से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक किए जाने के संकेत दिए जा चुके हैं, जिसके लिए अभी चिंतन मंथन का सिलसिला शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक एकराय के अभाव में अभी किसी भी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है।

आपको बता दें कि आज इसी संदर्भ में तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख ममता बनर्जी ने रांकपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और उन्हें विपक्षी दलों की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की भी पेशकश दी है, लेकिन उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी है। उन्होंने साफ कर दिया है कि विपक्षी दलों की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिए खड़े होने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। बता दें कि आज वामपंथी नेताओं की टोली पवार से मुखातिब होने के लिए पहुंची थी, जिसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, डी राजा, सीताराम येचुरी समेत कई अन्य नेता शामिल थे। जिसमें इन सभी नेताओं ने शरद पवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़े होने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है। अब सियासी गलियारों में उनके इस फैसले को सत्तारूढ़ दल से बढ़ती नजदीकियों से जोड़कर देखा जा रहा है। 

बता दें कि आगामी 18 जुलाई को राष्ट्रपति के चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए अभी तक उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है। अब ऐसी स्थिति में इस बात पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी कि आखिर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए किस नाम पर अंतिम मुहर लग पाती है। ध्यान रहे कि इससे पहले आगामी 15  जून को ममता बनर्जी ने सभी दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जिसे लेकर भी चर्चाओं का  बाजार गुलजार है।

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