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पीएम मोदी ने वाराणसी को दिया दिवाली का बड़ा तोहफा, काशी को लेकर कही ये बात

Narendra Modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) को दिवाली का तोहफा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी में 614 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने 220 करोड़ की 16 योजनाओ का लोकार्पण किया तो करीब 400 करोड़ की 14 योजनाओं का शिलान्यास किया।

अहम बातें-

आजकल, ‘लोकल के लिए वोकल’ के साथ ही, लोकल फॉर दिवाली के मंत्र की गूंज चारो तरफ है। हर एक व्यक्ति जब गर्व के साथ लोकल सामान खरीदेगा,नए-नए लोगों तक ये बात पहुंचाएगा कि हमारे लोकल प्रोडक्ट कितने अच्छे हैं, किस तरह हमारी पहचान हैं, तो ये बातें दूर-दूर तक जाएंगी।

शास्त्रों में कहा गया है- काश्यां हि काशते काशी, काशी सर्वप्रकाशिका। अर्थात काशी को काशी ही प्रकाशित करती है और काशी सभी को प्रकाशित करती है। इसलिए आज विकास को जो प्रकास फैल रहा है और जो बदलाव हो रहा है ये सब काशी और काशीवासियों के आशीर्वाद का ही परिणाम है।

गांव, गरीब और किसान आत्मनिर्भर अभियान के सबसे बड़े स्तंभ और लाभार्थी हैं। हाल में जो कृषि सुधार हुए हैं, उससे किसानों को सीधा लाभ होने वाला है। किसानों के नाम पर किसानों की मेहनत हड़प जाने वाले बिचौलियों को सिस्टम से दूर किया जा रहा है।

गांव में रहने वाले लोगों को, गांव की जमीन, गांव के घर का, कानूनी अधिकार देने के लिए ‘स्वामित्व योजना’ शुरू की गई है। गांवों में घर मकान को लेकर जो विवाद होते थे, इस योजना से मिले प्रॉपर्टी कार्ड के बाद, उनकी गुंजाइश नहीं रह जाएगी।

ये भी हमारे लिए गर्व की बात है कि इस साल पहली बार वाराणसी से फल, सब्जी और धान को विदेश के लिए निर्यात किया गया है।

International Rice Institute का Centre हो, Milk Processing Plant हो, Perishable Cargo Center का निर्माण हो, ऐसी अनेक सुविधाओं से किसानों को बहुत लाभ हो रहा है।

अब पूर्वांचल के लोगों को छोटी-छोटी जरूरत के लिए दिल्ली-मुंबई के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। बनारस और पूर्वांचल के किसानों के लिए तो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक की अनेक सुविधाएं यहां तैयार की गई हैं।

बीते छह सालों में बनारस में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुए हैं। आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है

बाबतपुर से शहर को कनेक्ट करने वाली सड़क भी अब बनारस की नई पहचान बनी है। आज एयरपोर्ट पर दो Passenger Boarding Bridge का लोकार्पण होने के बाद इन सुविधाओं का और विस्तार होगा। छह वर्ष पहले जहां बनारस से हर दिन 12 फ्लाइट्स चलती थीं, आज इससे 4 गुणा फ्लाइट्स चलती हैं।

बनारस की कनैक्टिविटी हमेशा से हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। काशीवासियों का और यहां ने वाले हर श्रद्धालु का समय सड़क जाम में न लगे, इसके लिए यहां नए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है।

आज जिस लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का लोकार्पण किया गया है, उससे सारनाथ की भव्यता और अधिक बढ़ जाएगी। काशी की एक बड़ी समस्या यहां लटकते बिजली के तारों के जाल की रही है। आज काशी का बड़ा क्षेत्र बिजली के तारों के जाल से भी मुक्त हो रहा है।

आज गंगा एक्शन प्लान प्रोजेक्ट के तहत काशी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो चुका है। साथ ही साही नाला से अतिरिक्त सीवेज गंगा में गिरने से रोकने के लिए डायवर्जन लाइन का शिलान्यास भी किया गया है।

मां गंगा को लेकर ये प्रयास, ये प्रतिबद्धता काशी का संकल्प भी है, और काशी के लिए नई संभावनाओं का रास्ता भी है। धीऱे-धीरे यहां के घाटों की तस्वीर बदल रही है। गंगा घाटों की स्वच्छता और सुंदरीकरण के साथ-साथ सारनाथ भी नए रंगरूप में निखर रहा है।

बनारस के शहर और देहात के इस विकास योजना में पर्यटन के साथ-साथ संस्कृति और सड़क, बिजली, पानी भी हो। हरदम प्रयास ये ही है कि काशी के हर व्यक्ति की भावनाओं के अनुरूप ही विकास का पहिया आगे बढ़े।

महादेव के आशीर्वाद से काशी कभी थमती नहीं है। मां गंगा की तरह निरंतर आगे बढ़ती रहती है। कोरोना के कठिन काल में भी काशी आगे बढ़ती रही। कोरोना के खिलाफ बनारस ने जिस जीवटता से लड़ाई लड़ी है, इस मुश्किल समय में जो सामाजिक एकजुटता का परिचय दिया है। वो बहुत प्रशंसनीय है।

बनारस में जो विकास के कार्य हो रहे हैं, सरकार ने जो निर्णय लिये हैं, उनका लाभ बनारस के लोगों को मिल रहा है। ये जो सब कुछ हो रहा है उसके पीछे बाबा विश्वनाथ का ही आशीर्वाद है।

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