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Ganga Vilas Cruise: गंगा विलास क्रूज के फंस जाने की झूठी खबर फैलाकर PM मोदी को बनाया जाता रहा निशाना, जबकि ये थी हकीकत

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नई दिल्ली। सोशल मीडिया का बोलबाला है। इसके साथ ही बोलबाला फर्जी खबरों का भी है। इसी तरह की एक फर्जी खबर सोमवार को उड़ी। खबर ये थी कि वाराणसी से जिस गंगा विलास क्रूज को पीएम नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी, वो बिहार के छपरा में फंस गई। इस खबर के उड़ते ही सोशल मीडिया पर मोदी विरोधी सक्रिय हो गए। तमाम तरह के आरोप लगने लगे। बाद में छपरा के जिला प्रशासन और अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण IWAI ने इस खबर को झूठा बताया। आईडब्ल्यूएआई ने ये भी जानकारी दी कि गंगा विलास क्रूज नदीमार्ग से पटना पहुंच गया है। पहले देखिए कि आईडब्ल्यूएआई ने खबर का खंडन करते हुए क्या कहा।

वहीं, हिंदी अखबार दैनिक जागरण ने भी क्रूज के चालक दल और छपरा के जिला प्रशासन के हवाले से गंगा विलास के नदी में फंसने की खबर को झूठा बताया। गंगा विलास क्रूज सोमवार को दोपहर में छपरा पहुंचा था। यहां क्रूज के यात्रियों को उतारना था। गंगा नदी के किनारे छिछला होने की वजह से क्रूज के चालकदल ने इसे किनारे पर न ले जाना बेहतर समझा। उन्होंने यात्रियों को छोटे नावों में बिठाकर किनारे पहुंचाया। इसी को बढ़ा-चढ़ाकर लोगों ने सोशल मीडिया में बताना शुरू किया कि गंगा विलास क्रूज छपरा में उथला पानी होने की वजह से गंगा नदी में फंस गया है और आगे नहीं जा पा रहा। खबर ये भी आई कि एसडीआरएफ को क्रूज को निकालने के लिए बुलाया गया।

छपरा के जिला प्रशासन ने बताया कि ऐसा नहीं है। एसडीआरएफ को बुलाया गया था, क्योंकि क्रूज के यात्रियों को छोटी नावों में बिठाकर किनारे लाया जा रहा था। जिला प्रशासन के मुताबिक छपरा में गंगा नदी पर पीपे का पुल भी है। उस पुल को खोलने के बाद ही क्रूज आगे बढ़ सकता था। पुल को खोलने के बाद क्रूज पटना चला गया, लेकिन उस वक्त तक सोशल मीडिया पर इसके फंस जाने की झूठी खबर खूब तैरती रही और मोदी विरोधी लगातार सवाल खड़े करते रहे।

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