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किसान आंदोलन के बीच सर्वदलीय बैठक में PM मोदी का आया बड़ा बयान, कहा-मैं किसानों से सिर्फ एक फोन…

Farmers Protest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सुचारू रूप से संसद के कामकाज को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र से पहले शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सुचारू रूप से संसद के कामकाज को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र से पहले शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंडर ने किसान आंदोलन पर बोला। जेडीयू सांसद आर सीपी सिंह ने कृषि कानूनों का समर्थन किया। किसान आंदोलन के बीच सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कृषि कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में पीएम मोदी ने सभी पार्टी के नेताओं से कहा कि किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। उन्होंने कहा कि मैं नरेंद्र तोमर की बात दोहारना चाहूंगा। भले ही सरकार और किसान आम सहमित पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन हम किसानों के सामने विकल्प रख रहे हैं। वो इस पर चर्चा करें। किसान और मेरे बीच बस एक कॉल की दूरी है।

वहीं मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Minister Pralhad Joshi) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई, लगभग सब पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो और सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है इसके लिए भी हम सहमत हैं। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रस्ताव दिया था, हम उस पर चर्चा के लिए तैयार है।

शुक्रवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने नेताओं संग एक बैठक की, जिसमें भाग लेने के बाद उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से सदन की गरिमा का सम्मान करने का अनुरोध किया गया है और कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा गया है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर से कहा कि सरकार को किसानों के आंदोलन के बारे में समाधान ढूंढ़ना चाहिए। कांग्रेस के साथ 17 विपक्षी दलों ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। ये किसान 26 नवंबर से दिल्ली सहित सिंघू, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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