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Uttar Pradesh: काशी के विकास कार्यों की एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे समीक्षा, कई परियोजनाओं की भी देंगे सौगात

Narendra Modi Yogi Adityanath

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा प्रतिबद्ध नजर आते हैं। यही वजह रही है कि काशी की विकास यात्रा निरन्तर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 नवम्बर, 2020 को अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के साथ यहां सभी कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। वाराणसी की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के हण्डिया-राजा तालाब खण्ड का 6-लेन चैड़ीकरण कार्य राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम परियोजना स्थल भी जाएंगे। प्रधानमंत्री राजघाट, वाराणसी में आयोजित ‘देव दीपावली’ महोत्सव में सम्मिलित होंगे तथा लेज़र शो भी देखेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सारनाथ पुरातत्व परिसर में लाइट एण्ड साउण्ड शो का अवलोकन भी करेंगे।


हण्डिया-राजा तालाब मार्ग का 6-लेन चैड़ीकरण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है, जो दो प्राचीनतम एवं पवित्र नगरों-प्रयाग (प्रयागराज) तथा काशी (वाराणसी) को आपस में जोड़ती है। यह राजमार्ग स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-1 (दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर) का भी प्रमुख भाग है। पूर्व में, प्रयागराज से वाराणसी के मध्य यात्रा में लगभग साढ़े तीन घण्टे का समय लगता था। इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात प्रयागराज से वाराणसी के मध्य मात्र डेढ़ घण्टे का समय यात्रा में लगेगा। इस परियोजना की लागत 2,447 करोड़ रुपए है।

इससे पहले कोरोना कालखण्ड में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी माह वर्चुअल माध्यम से जनपद वाराणसी की 614 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी में शुरू हुई विकास परियोजनाओं का नियमित तौर पर विकास परियोजनाओं की समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण करते हैं। विगत लगभग साढ़े 6 वर्षों में 18,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं के माध्यम से वाराणसी का विकास कराया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में काशी की पुरातन काया को नया कलेवर देने के लिए अनेक विकास योजनाएं संचालित की जा रही हैं। वाराणसी के समग्र विकास से पूर्वांचल सहित पूर्वी भारत को लाभ हो रहा है।


विगत साढ़े 6 वर्षों में वाराणसी में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। वाराणसी पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बन रहा है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेण्टर तथा लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल द्वारा जनता को सेवा प्रदान की जा रही है। बीएचयू में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, 150 शैय्या का सुपर स्पेशियलिटी ईएसआईसी अस्पताल बना है। आयुर्वेदिक कॉलेज का निर्माण, जिला महिला चिकित्सालय में 100 शैय्या की मैटरनिटी विंग की स्थापना आदि के कार्य हुए। रामनगर में लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय को उच्चीकृत किया गया है।


वाराणसी सहित पूर्वांचल के किसानों के लिए अनेक सुविधाएं यहां विकसित की गई हैं। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, 4 लाख लीटर दैनिक क्षमता की डेयरी, पेरिशबल कार्गो सेण्टर, कपसेठी में 100 मीट्रिक टन के गोदाम का निर्माण आदि शामिल है। इस वर्ष पहली बार वाराणसी से फल, सब्जियां विदेश निर्यात की गयीं। जनपद वाराणसी में 102 नए गो-आश्रय स्थल स्थापित किए गए।

वाराणसी की कनेक्टिविटी को बेहतर करना केन्द्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। बाबतपुर हवाई अड्डे से नगर को जोड़ने वाला मार्ग वाराणसी की नई पहचान बना है। इसके अलावा, वाराणसी रिंगरोड फेज-1 चैकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर, बलुवा घाटपर गंगा सेतु, गंगा नदी के सामने घाट पर पुल निर्माण, मण्डुवाडीह रेलवे स्टेशन पर फ्लाईओवर का निर्माण, पंचकोसी मार्ग के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य भी सम्पन्न हुआ। साथ ही, अन्य मार्गों का चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण तथा सतह सुधार का कार्य कराया गया।

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