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शिवसेनाः राज्यसभा भेजी जाएंगी प्रियंका चतुर्वेदी, किया नामांकन, पार्टी के फैसले से नेता असंतुष्ट

नई दिल्ली। शिवसेना की तरफ से प्रियंका चतुर्वेदी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की गई। इसके बाद प्रियंका ने अपना नामांकन दाखिल किया। लेकिन शिवसेना के अंदर प्रियंका चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाए जाने से कई पार्टी नेता नाखुश नजर आ रहे हैं।

आपको मालुम होगा कि प्रियंका चतुर्वेदी पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता थी और उन्होंने पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए अपने पद से इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल होने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद से ही सबकी नजर इस बात पर टिकी थी कि प्रियंका चतुर्वेदी का भविष्य शिवसेना में क्या होगा।

शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र से प्रियंका चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाये जाने से पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं औरंगाबाद से पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे नाराज नजर आ रहे हैं। चतुर्वेदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद खैरे ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे की शिवसेना को शायद उनके जैसे पुराने नेताओं की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र में राज्यसभा की सात सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। खैरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आदित्य ठाकरे की शिवसेना को अब मेरे जैसे पुराने सहकर्मियों की जरूरत नहीं रह गई है।”

उन्होंने शिवसेना नेतृत्व पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि चतुर्वेदी अच्छी अंग्रेजी और हिंदी बोलती हैं, वह संसद में कहीं अधिक प्रभावी तरीके से मुद्दों को रख सकेंगी। उल्लेखनीय है कि चतुर्वेदी कांग्रेस छोड़ कर अप्रैल 2019 में शिवसेना में शामिल हुई थी। उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना कार्यकर्ता को चतुर्वेदी के रूप में एक अच्छी बहन मिल गई है।

शिवसेना नेता खैरे ने कहा कि वह दो दशक तक सांसद रहे हैं। चार बार सांसद रहे और पिछले लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट पर एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील से पराजित हुए खैरे ने कहा, “राज्यसभा के लिए मेरी उम्मीदवारी मराठवाड़ा क्षेत्र की मांग थी और यदि मुझे उम्मीदवार बनाया जाता तो पार्टी को इस क्षेत्र में कहीं अधिक मजबूती मिलती।”


उन्होंने कहा, “मेरी पार्टी आलाकमान से बात हुई थी और शिवसेना के नेताओं ने भी पार्टी नेतृत्व से कहा था कि राज्यसभा उम्मीदवार मुझे बनाया जाना चाहिए। लेकिन आदित्य ठाकरे ने चतुर्वेदी के नामांकन पर जोर दिया।” उन्होंने कहा, “मैं शुरूआत से शिवसैनिक रहा हूं और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे तथा पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ काम किया है। मैं अपनी अंतिम सांस तक पार्टी के लिए काम करता रहूंगा।”

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