नई दिल्ली। भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का प्रमोशन कर दिया गया है। उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का नाम चर्चा में आया था। दरअसल पाकिस्तान के डीजीएमओ ने सीफ फायर के लिए भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया था। उसके बाद दो बार दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हो चुकी है। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले हफ्ते ही जनरल घई को उत्तम युद्ध सेवा पदक पुरस्कार से सम्मानित किया था।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की तरफ से सेनाधिकारियों ने जो प्रेस कांफ्रेंस की थी जनरल घई उसमें भी मौजूद थे। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय थल सेना और खुफिया एजेंसी सहित अन्य बेहद अहम डिपार्टमेंट के बीच सामंजस्य बिठाने के लिए जनरल घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटजी) बनाया गया है। आपको बता दें कि डिप्टी-चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) एक नया पद है। इस पद पर रहते हुए लेफ्टिनेंट जनरल घई भारतीय सेना के ऑपरेशन एंड इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट के अलावा अन्य महत्वपूर्ण विंग की भी जिम्मेदारी संभालेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल घई को पिछले साल 25 अक्टूबर को डीजीएमओ के रूप में तैनाती मिली थी। उनके पास सैन्य सेवा में काम करने का बहुत लंबा अनुभव है।
जनरल घई जम्मू कश्मीर में कई बड़े आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर चुके हैं। कुमाऊं रेजिमेंट के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जनरल घई डीजीएमओ बनने से पहले चिनार कॉर्प्स के जीओसी के रूप में भी सेवा दे चुके हैं। भारत की सीमाओं पर किसी भी प्रकार के सैन्य अभियानों की देखरेख डीजीएमओ के द्वारा ही की जाती है। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जनरल घोष ने कहा था कि हमने सटीक तरीके से पता लगाकर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। ऑपरेशन का उद्देश्य संख्या गिनना नहीं, पाकिस्तान में फैले आतंकी नेटवर्क को खत्म करना था।