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Mehbooba Mufti: तिरंगा पर सवाल ने बढ़ा दिया महबूबा की पार्टी में बवाल, इस बड़े नेता ने थामा भाजपा का दामन

Ravindra Raina Ramzan Hussain

नई दिल्ली। नजरबंदी से रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने तिरंगे को लेकर जो बयान दिया उससे उनकी पार्टी के नेता ही भरोसा नहीं रखते हैं। पार्टी के कई नेता महबूबा के इस बयान से खासे नाराज चल रहे हैं। वहीं पार्टी के तीन नेताओं ने एक ऐसा कदम उठा लिया जिसके कारण महबूबा मुफ्ती की मुश्किल ज्यादा बढ़ गई। वहीं अब महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को एक और बड़ा झटका लगा है। पीडीपी के सीनियर नेताओं में से एक रमजान हुसैन ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग किसी भी ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं जो देश और देश के झंडे का अपमान करते हैं।

भाजपा द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार, जम्मू स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने पीडीपी के नेता रमजान हुसैन का स्वागत किया। हुसैन ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर 2014 का जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह हार गए थे। उसके बाद वह पीडीपी में शामिल हो गये थे।


महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को झटका देते हुए हुसैन पीडीपी छोड़कर अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए और इस बात पर उन्होंने बल दिया कि जम्मू कश्मीर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से बड़े आशान्वित हैं। बयान में हुसैन के हवाले से कहा गया, “जम्मू कश्मीर के लोग तिरंगा की रक्षा करने के लिए अपनी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं और वे किसी भी ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं जो राष्ट्र और राष्ट्रध्वज का तिरस्कार करने का प्रयास करता है।”

हुसैन के निर्णय की प्रशंसा करते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि वह अब सही जगह आए हैं और उनसे पूरे उत्साह से पार्टी एवं राष्ट्र की सेवा करने का आह्वान किया। रैना ने दावा किया, “पीडीपी ने देश का अपमान किया है जिसके कारण वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ने के लिए बाध्य हुए हैं।”

तिरंगे को लेकर महबूबा के बयान से उनकी पार्टी के नेता परेशान, किया ये काम

नजरबंदी से रिहाई के बाद महबूबा ने तिरंगे को लेकर जो बयान दिया उससे उनकी पार्टी के नेता ही भरोसा नहीं रखते हैं। पार्टी के कई नेता महबूबा के इस बयान से खासे नाराज चल रहे हैं। वहीं पार्टी के तीन नेताओं ने एक ऐसा कदम उठा लिया जिसके कारण महबूबा की मुश्किल ज्यादा बढ़ गई है। दरअसल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से वहां की राज्य स्तरीय पार्टियों के नेताओं में बौखलाहट साफ देखी जा सकती है। 434 दिन बाद रिहा हुई जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी 370 की बहाली को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया जिसके बाद बवाल मच गया। महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के झंडे की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।

महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर उनकी चौतरफा निंदा हो रही है वहीं अब उनकी पार्टी के नेता भी उनके इस बयान से खफा नजर आ रहे हैं। पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी को बड़ा झटका देते हुए इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं में टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन-ए-वफा के नाम शामिल हैं। पार्टी से इस्तीफा देते हुए उन्होनें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में उनपर आरोप लगाते हुए कहा, ”वे उनके कुछ कार्यों और अवांछनीय बयानों से असहज महसूस कर रहे हैं, जो देशभक्ति की भावनाओं को आहत करते हैं।”


वहीं आज महबूबा के इस बयान पर बवाल और ज्यादा बढ़ गया जब जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले तीन लोगों को सोमवार को तब हिरासत में लिया गया जब वे यहां शहर के ऐतिहासिक घंटाघर पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि सोमवार सुबह यहां के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र लालचौक के घंटाघर पर तिरंगा फहराने की कोशिश पर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। हालांकि आज इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती के पार्टी कार्यालय पर कुछ लोगों ने जरूर तिरंगा लहरा दिया।

Video: तिरंगे को लेकर महबूबा मुफ्ती के बयान पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने PDP दफ्तर जाकर किया ये ‘काम’

बीते शुक्रवार को जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद अपनी बौखलाहट में तिरंगे को लेकर एक विवादित बयान दिया था। जिसको लेकर अब भारतीय जनता पार्टी लगातार महबूबा मुप्ती पर पलटवार कर रही है। वहीं जम्मू कश्मीर में इसको लेकर भाजपा प्रदर्शन भी कर रही है। बत दें कि महबूबा मुफ्ती ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर कहा था कि, “जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।” इस बयान को लेकर महबूबा मुफ्ती की काफी आलोचना भी हो रही है। अब सोमवार को कुपवाड़ा के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर के मशहूर लाल चौक पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की।

इसके अलावा जम्मू में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अच्छी संख्या में पीडीपी कार्यालय पहुंच गए और वहां महबूबा मुफ्ती के बयान पर अपना विरोध जताया और प्रदर्शन किया। इसके अलावा कार्यकर्ताओं ने दफ्तर पर तिरंगा फहराया और भारत माता की जय के नारे लगाए। इसके पहले  रविवार को भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में पीडीपी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी। पीडीपी के दफ्तर के बाहर तिरंगा फहराया गया, नारेबाजी की गई।

वहीं 434 दिन बाद रिहा हुई जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अब 370 की बहाली को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया जो उनके राजनीतिक जीवन से जुड़ा हुआ है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि, आज बिहार में वोट बैंक के लिए पीएम मोदी को अनुच्छेद 370 का सहारा लेना पड़ रहा है। जब वे चीजों पर विफल होते हैं तो वे कश्मीर और 370 जैसे मुद्दों को उठाते हैं। वास्तविक मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते हैं।

उन्होंने खुद के चुनाव में भाग लेने को लेकर कहा कि, जब तक वह (केंद्र सरकार) हमारे हक (370) को वापस नहीं करते हैं, तब तक मुझे कोई भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं है। 370 को वापस लागू करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में 370 को बहाल करने तक मेरा संघर्ष खत्म नहीं होगा।

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