नई दिल्ली। राहुल गांधी ने शनिवार को एक ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “बीमारी के ‘बादल’ छाए हैं, लोग मुसीबत में हैं, बेनिफिट ले सकते हैं-आपदा को मुनाफे में बदल कर कमा रही है गरीब विरोधी सरकार।” अपने इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट भी शेयर की है, जिसका शीर्षक ‘श्रमिक ट्रेनों से भी रेलवे ने की जमकर कमाई’ है। इस रिपोर्ट को लेकर अब जो खबर सामने आई है वो राहुल गांधी के दावे को धता बता रही है।
बता दें कि राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है, उसके मुताबिक कोरोना काल में इंडियन रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 428 करोड़ रुपये की कमाई की है। लेकिन अगर रेलवे के आंकड़ों को मानें तो कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान 1 मई से 9 जुलाई के बीच श्रमिक ट्रेनों के संचालन से रेलवे को 429 करोड़ रुपए राजस्व मिला।
हालांकि रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि इन ट्रेनों के संचालन पर 2400 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस हिसाब से देखें तो मिले राजस्व के मुकाबले लागत अधिक लगी है। जिसका मतलब ये हुआ कि सरकार को मुनाफा नहीं बल्कि घाटा हुआ है। फिलहाल कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर निशाना साधते हुए कहा है कि आपदा को मुनाफे में बदलकर गरीब विरोधी सरकार कमाई कर रही है।
बीमारी के ‘बादल’ छाए हैं, लोग मुसीबत में हैं, बेनिफ़िट ले सकते हैं – आपदा को मुनाफ़े में बदल कर कमा रही है ग़रीब विरोधी सरकार। pic.twitter.com/YSUsxIpSvC
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 25, 2020
राहुल गांधी के इस ट्वीट पर लोग अब उनकी फजीहत कर रहे हैं। राहुल के ही ट्वीट पर एक यूजर ने TOI की खबर के स्क्रीनशॉट के साथ बताने की कोशिश की है कि, रेलवे ने 2142 करोड़ संचालन में खर्च किए हैं, जिसमें 428 करोड़ राजस्व मिला है। देखिए लोगों ने राहुल के इस ट्वीट पर किस तरह के रिप्लाई किए..
Another Fake News by @RahulGandhi and his paid Media.
428 crores is Revenue, not ‘Profit’
Railways spent Rs 2,142 crores on Migrant Trains to help 63 lakh passengers.
Cost- 2142 cr
Revenue- 428 crSo it’s a Loss of 1714 Crores. pic.twitter.com/XXK5yx01UX
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 25, 2020
जब कभी अपनी औलाद पर अत्यधिक गुस्सा आये उसे कुछ मत बोलिये, क्रोध पर थोड़ी देर काबू रखिये…
बस राहुल गांधी का फोटो देखिए और सोचिए मेरी औलाद इस से तो हज़ार गुना बेहतर है।
तत्काल गुस्सा गायब हो जाएगा और शरीर में अजीब सी ख़ुशी दौड़ जाएगी और नया उत्साह पैदा होगा।
— Vaibhav Dwivedi (@vaibhavvabs) July 25, 2020
@RahulGandhi और उनके पेड मीडिया द्वारा एक और फर्जी खबर
428 करोड़ रुपये राजस्व है, लाभ नहीं रेलवे ने 63 लाख यात्रियों की मदद के लिए प्रवासी ट्रेनों पर 2,142 करोड़ रुपये खर्च किए। लागत- 2142 करोड़ राजस्व- 428 करोड़ तो यह 1714 करोड़ का नुकसान है।
— S S BHATIA (@ssbsons) July 25, 2020
— aham bramhasamiiii hmp (@vivek_purohit) July 25, 2020
हां राहुल जी सब सरकारें गरीब विरोधी ही है एक आपकी कांग्रेस ही है जो आज़ादी से आज तक देश से गरीबी ही हटा रही है हर बार चुनाव में गरीबी हटाने का ही वादा होता है लेकिन जनता की गरीबी नहीं हटी अगर किसी की गरीबी हटी तो कांग्रेसियों की हटी।@RahulGandhi
— Shubh Pandit (@ShubhPandit18) July 25, 2020
आपको बता दें कि रेलवे को किराए से सर्वाधिक राजस्व गुजरात, महाराष्ट्र और तमिनाडु से क्रमश: 102 करोड़, 85 करोड़ और 34 करोड़ रुपए मिले। श्रमिकों का किराया सरकारों ने वहन किया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन पर 2400 करोड़ रुपए खर्च किए गए। मंत्रालय ने जून में बताया था कि श्रमिक स्पेशल स्पेश ट्रेन में यात्रा का औसत किराया 600 रुपए है, जबकि ट्रेन संचालन के लिए प्रति व्यक्ति करीब 3400 रुपए खर्च किए गए। अधिकारी ने बताया कि किराया राज्यों से लिया गया।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,”यह ध्यान देने योग्य है कि रेलवे ने ट्रेनों के संचालन का 85% खर्च वहन किया। लॉकडाउन के दौरान देश के लिए खड़े होने का यह एक महत्वपूण अभियान था।” रेलवे ने 1 मई से 9 जुलाई के बीच 4,496 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया और 63 लाख मजदूरों को घर पहुंचाया।