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Controllers Conference: चीन-पाक को राजनाथ सिंह का सख्त पैगाम, रक्षा मंत्री ने किया अपने मास्टरप्लान का खुलासा

Rajnath Singh

नई दिल्ली। भारत आज की तारीख में सामरिक मोर्चे पर बेहद ही संवेदनशील परिस्थिति से गुजर रहा है। जहां एक तरफ पाकिस्तान की तरफ से सीमा रेखा का उल्लंघन किया जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ चीन की तरफ से भारत पर विस्तारवादी नीतियों को थोपने की कोशिश की जाती है। इस बीच भारत को दोनों ही मोर्चों पर चुनौतियों से जूझना पड़ता है। हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इन दोनों ही मोर्चे पर पनपी जा रही चुनौतियों का सामना किया जा सकें। वहीं आज रक्षा लेखा विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ ने इन्हीं मुद्दों पर जोर देते हुए अपनी राय व्यक्त की। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।

जानिए उनके संबोधन की मुख्य बातें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘जंग की तैयारी के लिए ना केवल वित्तीय तैयारी जरूरी है, बल्कि हमें समय रहते त्वरित फैसले भी लेने होंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि निर्णय लेने में देरी की वजह से समय के साथ-साथ संसाधन की भी क्षति होती है। उन्होंने आगे कहा कि जब समय पर व त्वरित फैसले लेते हैं ,तो हम युद्ध के मोर्चे पर संबल होते हैं। इस बीच रक्षा मंत्री ने अपनी बातों की पुष्टि करने के लिए कई तथ्यों का भी हवाला दिया।

रक्षा मंत्री ने दिया सीमित संसाधान पर जोर

इसके साथ ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमित संसाधन पर अधिक जोर दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे ही देश में अपितु समस्त विश्व में सीमित मात्रा में संसाधान मौजूद है। रक्षा मंत्री ने अपनी बात की पुष्टि करने के लिए कहा कि हम एक रुपए बचाने के लिए एक रुपया कमाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को पता है कि वर्तमान में हम युद्ध के मोर्चे पर संवेदनशील अवस्था में गुजर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें खुद को तैयार करना होगा। अगर हमने ऐसा नहीं किया तो आगामी दिनों में हमें इसके गंभीर परिणाम देखने होंगे।

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