नई दिल्ली। भारत आज की तारीख में सामरिक मोर्चे पर बेहद ही संवेदनशील परिस्थिति से गुजर रहा है। जहां एक तरफ पाकिस्तान की तरफ से सीमा रेखा का उल्लंघन किया जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ चीन की तरफ से भारत पर विस्तारवादी नीतियों को थोपने की कोशिश की जाती है। इस बीच भारत को दोनों ही मोर्चों पर चुनौतियों से जूझना पड़ता है। हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इन दोनों ही मोर्चे पर पनपी जा रही चुनौतियों का सामना किया जा सकें। वहीं आज रक्षा लेखा विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ ने इन्हीं मुद्दों पर जोर देते हुए अपनी राय व्यक्त की। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।
Delhi | We’re aware that for combat readiness of the country, not only availability of adequate financial resources but also quick & transparent decision-making for it is important: Defence Min Rajnath Singh at the Controllers’ Conference organised by Defence Accounts Department pic.twitter.com/wgsgnz7u9P
— ANI (@ANI) November 14, 2022
जानिए उनके संबोधन की मुख्य बातें
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘जंग की तैयारी के लिए ना केवल वित्तीय तैयारी जरूरी है, बल्कि हमें समय रहते त्वरित फैसले भी लेने होंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि निर्णय लेने में देरी की वजह से समय के साथ-साथ संसाधन की भी क्षति होती है। उन्होंने आगे कहा कि जब समय पर व त्वरित फैसले लेते हैं ,तो हम युद्ध के मोर्चे पर संबल होते हैं। इस बीच रक्षा मंत्री ने अपनी बातों की पुष्टि करने के लिए कई तथ्यों का भी हवाला दिया।
A delay in decision-making causes a loss of time as well as money. Besides that, it also adversely affects the country’s combat readiness. Defence Accounts Department plays a very important role towards ensuring this: Defence Minister Rajnath Singh at the Controllers’ Conference pic.twitter.com/MnGrN7nIGJ
— ANI (@ANI) November 14, 2022
रक्षा मंत्री ने दिया सीमित संसाधान पर जोर
इसके साथ ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमित संसाधन पर अधिक जोर दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे ही देश में अपितु समस्त विश्व में सीमित मात्रा में संसाधान मौजूद है। रक्षा मंत्री ने अपनी बात की पुष्टि करने के लिए कहा कि हम एक रुपए बचाने के लिए एक रुपया कमाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को पता है कि वर्तमान में हम युद्ध के मोर्चे पर संवेदनशील अवस्था में गुजर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें खुद को तैयार करना होगा। अगर हमने ऐसा नहीं किया तो आगामी दिनों में हमें इसके गंभीर परिणाम देखने होंगे।