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आंदोलन कर रहे किसानों ने दिया विपक्षी पार्टियों को झटका, कहा ‘मसले का हल PM और सरकार निकालेगी, राहुल गांधी या विपक्ष नहीं’

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) तो जारी है लेकिन इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कई राज्यों के किसानों से बात की। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। पीएम के भाषण के बाद से किसान नेताओं का मानना है कि सरकार कृषि बिलों पर बातचीत के लिए तो बुला रही है लेकिन इस पूरे एजेंडे में बिल वापस लेने की बात नहीं कर रही है। गौरतलब है कि दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार कृषि से संबंधित तीनों कानूनों को वापस ले, तभी आंदोलन वापस होगा। वहीं प्रधानमंत्री के संबोधन को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत(Rakesh Tikait) ने कहा कि ‘इस मसले का हल तो प्रधानमंत्री और भारत सरकार को ही निकालना है, कोई विपक्ष या राहुल गांधी को नहीं।’

किसान नेता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि, आंदोलन को एक महीना हो गया है और किसान घर वापस नहीं जाएंगे, पहले बैठ कर समझौता करो और कानून वापस लो।” राकेश टिकैत ने कृषि कानून पर सरकार के रवैये को लेकर कहा कि, “कृषि कानून पर बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन ये तो नहीं बोले कि हम कृषि कानून वापस ले लेंगे। हम भी बात करने को तैयार हैं, लेकिन वो कंडीशन लगा रहे हैं कि वापस नहीं लेंगे।”

वहीं पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि, किसानों को गुमराह किया जा रहा है। इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि, “किसानों को कोई गुमराह नहीं कर रहा है, यहां सिर्फ किसान का मकसद एमएसपी पर कानून बनाने से है। किसान चाहता है कि इन कृषि कानूनों को रद्द किया जाय।” टिकैत ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने किसानों का नाम लिया है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे हैं, सभी के साथ बैठ कर इस मसले को सुलझाया जाए।”

बता दें कि शुक्रवार को पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की सम्मान निधि ट्रांसफर की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि, “कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। MSP और मंडी पर अफवाह जारी है। किसानों की खुशी में ही हमारी खुशी है।”

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